गाजियाबाद। संबंधों को कायम रखना हर किसी के बूते की बात नहीं होती है। बात जब राजनीति को हो तो इसमें अपने नफे की जरा सी यदि गुंजाइश देखते हैं तो पाला बदलने में देर नहीं लगाते हैं। बहुत कम विरले ही होते हैं जो एक खूंटे से बंधे रहकर रस्सी को मजबूती से पकड़े रहते हैं और उसे कमजोर नहीं पड़ने देते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं शिक्षाविद एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामदुलार यादव की। वे न केवल अपने पुराने संबंधों को पूरी प्रगाढ़ता के साथ निभा रहे हैं बल्कि मान-सम्मान भी पूरा करते हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान में एमएलसी बने राजेन्द्र चौधरी से उनके संबंध पुराने हैं। जब उत्तर प्रदेश में सपा सरकार थी और राजेन्द्र चौधरी कैबिनेट मंत्री थे। तब राजेन्द्र चौधरी जब भी गाजियाबाद में रहते वे रामदुलार यादव के साहिबाबाद स्थित आॅफिस पर जाना नहीं भूलते थे। यह आत्मीय थी कि राजेन्द्र चौधरी के लिए रामदुलार यादव के घर से आए खाने को वे बहुत ही चाव से खाते थे। घर के सभी सदस्यों को भी पता रहता था कि चाचा जी(राजेन्द्र चौधरी) को क्या पसंद है। राजेन्द्र चौधरी को पपीता, दलिया और टिंडे की सब्जी बहुत पसंद है। इसलिए उनके लिए विशेष रूप से दलिया और टिंडे की सब्जी बनाई जाती थी। रामदुलार यादव और राजेन्द्र चौधरी की इस दोस्ती की चर्चा लखनऊ में भी खूब होती है। अब जबकि प्रदेश में सपा की सरकार नहीं हैं और राजेन्द्र चौधरी को पार्टी की ओर से एमएलसी बनवाया गया है तो उनके स्वागत और सम्मान समारोह को लेकर रामदुलार यादव ने जो स्क्रिप्ट तैयार की उसे अच्छे-अच्छे हैरान रह गए। राजेन्द्र चौधरी के स्वागत एवं सम्मान समारोह की कमान स्वयं रामदुलार यादव ने ही संभाली। हालांकि कार्यक्रम अभिनंदन आयोजन समिति द्वारा कराया गया लेकिन इसमें समाजवादी पार्टी की टीम भी एकसाथ दिखाई दी। लोहियानगर स्थित अग्रसेन भवन राजेन्द्र चौधरी के स्वागत के लिए नियत किया गया लेकिन कार्यक्रम में पहुंचे लोगों की संख्या से अग्रसेन भवन ही छोटा पड़ गया। कार्यक्रम को देखकर ऐसा लग रहा था कि यह किसी सत्तारुढ़ पार्टी के किसी मंत्री का अभिनंदन समारोह हो। सत्ता में न होते हुए भी राजेन्द्र चौधरी के स्वागत के लिए खुद ब खुद लोग खिंचे चले आए। राजेन्द्र चौधरी के अग्रसेन भवन में कार्यक्रम में पहुंचने से पूर्व कई जगह स्वागत भी ढोल-नगाड़ों के साथ किया गया। सम्मान समारोह से अभिभूत राजेन्द्र चौधरी मंच से यह कहना नहीं भूले कि उन्हें गाजियाबाद से बेहद लगाव है और उनके चाहने वालों में आज भी वही जज्बा व जोश है जो कभी उनके विधायक रहते हुए करता था। उन्होंने कहा कि जीवन में संबंध निभाना बड़ा ही कठिन कार्य है लेकिन संबंधों को निभाने का जो प्रण मैंने बरसों पहले लिया था उसे मैं ही नहीं बल्कि मेरे चाहने वाले भी बखूबी निभा रहे हैं।
अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते कराए गए विकास कार्य बने दूसरे प्रदेशों में मिसाल: राजेन्द्र चौधरी
इस दौरान उन्होंने पार्टी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उत्तर प्रदेश का जितना विकास किया, दूसरे प्रदेशों में वह उदहारण बना। जब भारत का संविधान 1950 में लागू हुआ, उसके बाद 1975 में लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की गयी लेकिन डा. अम्बेडकर ने जनता को वह ताकत प्रदान की कि कोई कितना बड़ा तानाशाह हो जनता से शक्तिशाली नहीं हो सकता, आज कुछ परिवार वैचारिक संकट खड़ाकर अपने हिसाब से देश को संचालित करना चाहते हैं, वह पूरी व्यवस्था को संकट में डालना चाहते हैं। महीनों से किसान सड़कों पर हैं, उनकी बात नहीं सुनी जा रही है लेकिन सरकार उनकी आवाज को दबा नहीं सकती, वह वोट की ताकत का प्रयोग कर सत्ता से उखाड़ भी सकते हैं। हमारी लड़ाई शोषण, अन्याय, अत्याचार, अनाचार के विरुद्ध सामाजिक न्याय दिलाने की है, जहां किसान, मजदूर, छात्र, नवजवान, व्यापारी तथा सभी वर्ग के लोग सद्भाव, भाईचारा, बंधुत्व, न्याय, प्रेम और सहयोग से रह सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता व्योवृद्ध पत्रकार कुलदीप तलवार ने। कार्यक्रम का संचालन सपा के जिला महासचिव वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने किया।
चांदी की साइकिल निर्मित प्रतीक चिन्ह भेंट किया
शिक्षाविद एवं सपा के वरिष्ठ नेता राम दुलार यादव, सपा के वरिष्ठ नेता धर्मवीर डबास ने चांदी की साईकिल निर्मित प्रतीक चिन्ह भेंट किया। राजनगर गुरुद्वारा प्रबन्ध समिति ने सरोपा और तलवार भेंट की। किसानों ने माला-फूल और पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया। आशा दीप फाउन्डेशन के एचके चेट्टी ने प्रतीक चिन्ह भेंट किया। पूर्व प्राचार्य डा. बिशन लाल गौड़ ने आशीर्वाद देते हुए राजेन्द्र चौधरी की सामाजिक जीवन में ईमानदारी, सादगी और नैतिकता की सराहना की। इस अवसर पर लोक शक्ति सन्देश पत्रिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में अभिनन्दन पत्र भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में डा. अम्बेडकर द्वारा लिखित 41 पुस्तकों को शिक्षक कैलाश चन्द्रा ने भेंट किया। कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे कुलदीप तलवार ने कहा कि सार्वजानिक जीवन में राजेन्द्र चौधरी जैसे नेताओं से छात्रों, नवजवानों को जो राजनीति में ईमानदारी से देश, समाज की सेवा करना चाहते हैं प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार अभिजीत त्रिपाठी ने कहा मैंने अपने जीवन में राजेन्द्र चौधरी जैसा नेता नहीं देखा। उन्होंने कभी भी ताकत का बेजा इस्तेमाल नहीं किया। वरिष्ठ अधिवक्ता भारतेन्दु शर्मा को शाल भेंट कर सम्मानित किया गया और इंजीनियर धीरेन्द्र यादव ने बुके देकर राजेन्द्र चौधरी का स्वागत किया। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष राशिद मलिक, राम किशोर अग्रवाल, तेज राम यादव एडवोकेट, डा. कौशर जहां, जेपी कश्यप, किशन सिंह तोमर, विजेन्द्र नागर, प्रेमचन्द गुप्ता, राज कुमार चौधरी, महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी, अशोक चौधरी, मधु चौधरी, संजू शर्मा, कमलेश चौधरी, राजदेवी चौधरी, किरण कालिया, रमेश प्रजापति, सत्यपाल यादव एडवोकेट, गजेन्द्र मलिक आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।