- नेताजी सुभाष आजादी के महानायक थे: शर्मा
- नेताजी सुभाष को मोदी सरकार ने उचित सम्मान दिया: आर्य
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में भारत की आजादी के महानायक-नेताजी सुभाष विषय पर आॅनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । वैदिक विद्वान आचार्य चन्द्रशेखर शर्मा (ग्वालियर) ने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस भारत की आजादी के महानायक थे। उनका बाल्यकाल, विद्यार्थी जीवन, युवावस्था अर्थात 48 वर्ष का संपूर्ण जीवन भारत के गौरव, स्वाभिमान और स्वतंत्रता की लड़ाई तथा संघर्ष में दिनरात लड़ते-लड़ते चला गया। 23 जनवरी 1897 जन्म से लेकर 18 अगस्त 1945 तक माँ भारती के गौरव और गरिमा की रक्षा के लिए सतत संघर्षशील रहे। इस 48 वर्ष के जीवन में पल-पल भारत की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए क्रियाशील रहे। उड़ीसा और बंगाल ही नहीं सारा भारत उनका परिवार था। भारत और भारतीयता का अपार प्रेम मन में भरा था।भारतमाता का अपमान सुनना और देखना उनको सहन नहीं था। उनके रग-रग में भारत भक्ति की भावना भरी थी। अपनी उत्कृष्ट एवं विलक्षण मेंधाशक्ति से कैंब्रिज में आईसीएस परीक्षा में 1920 में प्रथम श्रेणी के साथ चतुर्थ स्थान प्राप्त करके और सम्मान की नौकरी मिलने पर भी अंग्रेजी दासता स्वीकार नहीं की। उनके जीवन में महाक्रांति की महाज्वाला प्रज्वलित थी। अंग्रेजी सरकार ने जितनी बार कारगार में बंद किया उतनी बार उनकी आन्तरिक ज्वाला महाज्वाला बनकर विद्रोह का विकराल रूप धारण कर लेती थी।
जालियावाला बाग हत्या कांड और सरदार भगत सिंह की फांसी की घटनाओं ने सुभाष का खून खौला दिया। उनकी प्रतिशोध की भावना तीव्रतम हो गई। इस महायोद्धा ने 20 वर्ष से अधिक भारत में रहकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और 5 वर्ष से अधिक जर्मनी और जापान में रहकर आजाद हिंद सेना का गठन करके महायोजना और महाशक्ति के साथ तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जय हिंद और दिल्ली चलो का महानारा दिया था।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि नेताजी सुभाष भारत के स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्ण अक्षर है उनके बिना आजादी का इतिहास अधूरा है। उनके तप, त्याग, निर्भीकता, संघर्ष, बलिदान से नई युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी की आवश्यकता है । दिल्ली के इंडिया गेट से अंग्रेजी गुलामी का प्रतीक अमर जवान ज्योति स्थान्तरित करके सराहनीय कार्य किया है यह काम आजाद होते ही हो जाना चाहिए था। कोई भी स्वाभिमानी राष्ट्र गुलामी के चिन्हों को सुरक्षित नहीं रखता । मोदी सरकार ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष की प्रतिमा लगाने का निर्णय सराहनीय कदम है। डॉ.रचना चावला ने कहा कि नेताजी सुभाष का जीवन राष्ट्र को समर्पित था। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि कोई भी राष्ट्र की नींव उसके नोजवानों के बलिदान पर ही टिकी रहती है। गायिका दीप्ति सपरा, रचना वर्मा(अमृतसर), रजनी चुघ, बिंदु मदान, पिंकी आर्या, प्रवीना ठक्कर, रविन्द्र गुप्ता, प्रेम हंस (आस्ट्रेलिया), रेणु घई, प्रतिभा कटारिया आदि ने देशभक्ति गीत सुनाये।