- गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा कविता का महाकुंभ
गाजियाबाद। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साहित्य एवं संस्कृति के लिए समर्पित संस्थान के द्वारा 21 नवम्बर को आॅनलाइन कविता का महाकुम्भ आयोजित किया जिसमें भारत सहित विश्व के बीस देशों के रचनाकारों ने डुबकी लगाई। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के संयोजक एवं संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय ने उद्घटान सत्र कहा कि यह राष्ट्रीय अस्मिता एवं राष्ट्रीय गौरव का अनुष्ठान है। हमारे महापुरुष जिनको त्याग तपस्या के कारण भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनके स्तुत्य प्रयास जग के समक्ष कविता में आएं इसीलिये यह अनुष्ठान किया गया है। । भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से विभूषित 48 महापुरुषों का गुणगान कवियों ने अपनी रचना धर्मिता से किया। उद्घाटन सत्र में डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय ने इन पंक्तियों में भारतरत्न नानाजी देशमुख की गौरव गाथा को रखा- घना अंधेरा धुन्ध कोहरा ,रोक न रवि को पाते। तेज पुंज की आभा सम्मुख,निश्चर शीश झुकाते। मौन उलूकी वाचन होता, प्राची की आभा से अपनी स्वर्ण रश्मियां लेकर,वसुधा पर छा जाते।
प्रात: 10 बजे से प्रारम्भ होकर रात 10 बजे तक चले इस काव्य महायज्ञ में भारत, अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, कनाडा,केन्या, अबुधाबी दुबई,(यूएई), नेपाल, जापान, दक्षिण कोरिया, वर्जिनिया, दोहा कतर, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया आदि देशों के 301 कवियों का अनुष्ठान को दुनिया के अनेकों देशों के हजारों दर्शकों ने अंतर्राष्ट्रीय शब्द सृजन के फेसबुक पेज एवं पटल पर प्रात: से रात तक सुनकर अपनी प्रतिक्रिया से मनोबल बढ़ाया।
संस्था के महासचिव दिल्ली से वरिष्ठ गीतकार ओंकार त्रिपाठी एवं संस्था की कोषाध्यक्ष अनुपमा पाण्डेय ‘भारतीय’ के सतत प्रयासों ने इस आयोजन को भव्य एवं ऐतिहासिक बना दिया। डॉ. राजीव पाण्डेय ने बताया इस कार्यक्रम को गोल्डन बुक आॅफ रिकॉर्ड से अनुमोदित हो चुका था अब दर्ज कराने की औपचारिकता पूरी की जा रही है। इस महायज्ञ में जिन रचनाकारों नेअपनी काव्यात्मक आहुति दी है उन्ही रचनाओं से कालजयी ग्रन्थ का प्रकाशित किया जाएगा। इस महायज्ञ का शुभारंभ छत्तीसगढ़ से सुप्रसिद्ध संगीतकार श्याम संगीत सृजन संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष श्याम कुमार चन्द्रा एवं उनके साथियों द्वारा संगीतमयी वंदना से इस ऐतिहासिक आयोजन का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम को 12 घंटे लगातार फेसबुक पेज एवं पटल पर चलाने के लिये 10 समूहों में बांटा गया जिसमें संचालन की भूमिका गार्गी कौशिक, ब्रज माहिर, अनुपमा पाण्डेय भारतीय, रजनीश स्वछंद, कुसुमलता कुसुम, मैत्री मेहरोत्रा, डॉ रजनी शर्मा चन्दा, देवेंद्र शर्मा देव,राजेश कुमार सिंह श्रेयस, और अयोवा अमेरिका से डॉ श्वेता सिन्हा ने निभायी। देश विदेश के वरिष्ठ रचनाकारों ने इन दस समूह की अध्यक्षता की जिनमें सोमदत्त शर्मा सोम(नोयडा)डॉ कुंवर वीर सिंह मार्तंड(कोलकाता)डॉ हरिदत्त गौतम अमर, डॉ माला कपूर ‘गौहर(गाजियाबाद)रीता सिंह सर्जना (असम), डॉ ब्रह्मानन्द तिवारी ‘अवधूत'(दिल्ली) राजकुमार छापड़िया,(मुम्बई),आशा त्रिपाठी (सहारनपुर), राजपाल यादव गुरुग्राम, प्रो.नीलू गुप्ता (कैलिफोर्निया) थे।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान के साथ हुआ। कार्यक्रम संयोजक डॉ राजीव कुमार पांडेय ने सभी उपस्थित साहित्य साधकों का आभार प्रकट किया।
ऐतिहासिक कार्यक्रम की बहुत अच्छी कवरेज
बहुत बहुत आभार
वाकई यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम था। इसमें प्रतिभागिता करके हम स्वयं को धन्य समझ रहे हैं। आयोजकों की साधना को नमन है।
हार्दिक बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं राजीव जी
अद्भुत अनुपम अनुकरणीय सुंदर आकर्षक आयोजन एक अनोखा अद्भुत उदाहरण है कविता के क्षेत्र में बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं