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30 कोल्ड चेन हैंडलर्स को पहले बैच में दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया

  • जिले में 30 कोल्ड चेन पाइंट पर तैनात हैं 60 कोल्ड चेन हैंडलर्स
  • दूसरे बैच का प्रशिक्षण सोमवार-मंगलवार को होगा : डीआईओ
    गाजियाबाद
    । स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो वैक्सीन आपको और आपके बच्चों को दी जाती हैं, उनकी एफिकेसी (प्रभावकारिता) बनाए रखने के लिए उचित तापमान पर रखा जाता है। इसके लिए भारत सरकार की ओर से ई-विन (इलेक्ट्रोनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) कार्यक्रम चलाया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत कोल्डचेन हैंडलर को हर साल दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डा. नीरज अग्रवाल ने बताया ?जिले में 30 कोल्ड चेन पाइंट हैं, जहां दो-दो कोल्ड चेन हैंडलर तैनात हैं। ?कोल्ड चेन हैंडलर्स को 30-30 हैंडलर्स के दो बैच बनाकर दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले बैच का प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को संपन्न हो गया। दूसरे बैच को सोमवार और मंगलवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
    डीआईओ डा. अग्रवाल ने बताया कि पहले बैच को शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में थ्योरी आधारित प्रशिक्षण दिया गया, शनिवार को जिला एमएमजी चिकित्सालय स्थित डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर (डीवीएस) पर प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया यह एक रिफ्रेशर कोर्स है, जो हर साल दिया जाता है ताकि कोल्ड चेन हैंडलिंग में कोई चूक होने की गुंजाइश न रहे। यूनिसेफ के डीएमसी मोहम्मद शादाब और यूएनडीपी के अरशद व अल्लाहबख्श ने कोल्ड चेन हैंडलर को प्रशिक्षण दिया और रखरखाव की सारी बारीकियां बताईं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोल्ड चेन हैंडलर्स को वैक्सीन के रखरखाव, तापमान निगरानी, वैक्सीन स्टॉक, वैक्सीन वेस्टेज रोकने आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
    डीआईओ ने कहा प्रशिक्षण के बाद जहां वैक्सीन की बबार्दी में कमी आएगी, वहीं प्रबंधन की गड़बड़ी से टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित नहीं हो सकेगा। उन्होंने बताया ई-विन के उपयोग से जिले में किसी वैक्सीन की स्थिति आॅनलाइन अपडेट होती रहती है और प्रबंधन आसान हो जाता है। इससे टीकाकरण कार्यक्रम सुचारू रूप से चलता रहता है। इस सिस्टम में एप के माध्यम से वैक्सीन के तापमान एवं गुणवत्ता आदि पर नजर रखी जाती है। जीपीएस से वैक्सीन के कोल्ड चेन मेंटेनेंस सहित अन्य जानकारियां भी आसानी से मिलती रहती हैं।
    जिले के सभी 30 कोल्ड चेन पाइंट पर डीप फ्रीजर में थमार्मीटर लगे हुए हैं। ऐसे में फ्रीजर के बंद या खराब होने की जानकारी तत्काल संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है। फ्रीज का नियत तापमान ज्यादा जाने की स्थिति में भी मोबाइल से मैसेज व अलार्म बजने लगता है। ऐसे में तुरंत स्टाफ जाकर टीके को देख लेता है और उसे खराब होने से बचा लिया जाता है। ई-विन नेटवर्क के एप के जरिए टीके के स्टॉक की जानकारी भी अपडेट होती रहती है। कोल्ड चेन उपकरण आईएलआर, डीप फ्रीजर, कोल्ड बॉक्स, वैक्सीन कैरियर, आईस पैक, थमार्मीटर, आदि का उपयोग कैसे करना है, प्रशिक्षण के दौरान यह सब जानकारी दी गई।

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