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हॉस्पिटल में बेड, वेंटीलेटर व आॅक्सीजन की आपूर्ति न कर पाना सरकार की असफलता: नरेंद्र भारद्वाज

गाजियाबाद। कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष नरेन्द्र भारद्वाज ने बयान जारी कर कहा कि अस्पतालों में बेड, वेंटीलेटर और आक्सीजन के बिना मरीज दम तोड़ रहे हैं यह सरकार की असफलता है। पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। चारों तरफ मौत का भयानक तांडव देखने को मिल रहा है। कोई परिवार ऐसा नहीं है जिसने अपने रिश्तेदार, मित्र, बंधु, पड़ोसी या किसी पारिवारिक सदस्य को न खोया हो। हर तरफ दुख एवं शोक की लहर ने झकझोर कर रख दिया है। सरकारी तंत्र का नंगापन आज पूरे देश के सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सपना दिखा रही थी और कांग्रेस के 60 साल के विकास को शून्य बता रही थी। कोरोना पर विजय प्राप्त करने पर अपनी पीठ थपथपाई जा रही थी, आज देश की राजधानी से लेकर छोटे-छोटे गांवों तक आम आदमी से लेकर खास आदमी इस खोखलेपन का शिकार हो रहे हैं। विश्व भर में हमारी मेडिकल संरचना का गुणगान गाने वाले यह नजारा देख रहे हैं। देश के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल मरीजों के लिए
आॅक्सीजन की भीख मांग रहे हैं, जो भारत के इतिहास में आज तक नहीं हुआ। बाढ़ और भूख से दम तोड़ते भारतवासी तो देखे थे परन्तु आॅक्सीजन न मिलने से लोगों की जान जाते हुए पहली बार देख रहे हैं। इस भयावह स्थिति को देखते हुए आज
कलम भी रो रही है। आज मरीजों के लिए हॉस्पिटलों में बेड नहीं हैं, वेंटिलेटर नहीं हैं, आॅक्सीजन नहीं हैं। दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। जहां दवाई है वहां कालाबाजारी हो रही है। रेमीदेसीवर जैसे इंजेक्शन जो सरकारी रेट पर मिलना चाहिए उनके 20 से 25 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। हमारे अंदर की बचीकुची इंसानियत यह सब अंधा गूंगा बन सब देख रही है। आश्चर्य की बात है कि सरकारी मशीनरी ठप हो गई है और भाजपा सरकार द्वारा किए गए वायदे सब झूठे साबित हो गए हैं। जिस जनता ने केंद्र व प्रदेश की सरकार को चुना था हमारे दुख, दर्द, तकलीफों का समाधान के लिए नियुक्त किया था आज उन्होंने ही देश व प्रदेशवासियों को मौत के कुएं में अकेला छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार आज इस मोड़ पर खड़ी है उसे सिर्फ और सिर्फ चुनाव नजर आ रहे हैं पर हमें रोना आ रहा है हॉस्पिटल एवं मरीज आॅक्सीजन के लिए केंद्र सरकार से गिड़गिड़ा रहे हैं और केंद्र सरकार कह रही है कि हम जल्द से जल्द आॅक्सीजन की आपूर्ति सामान्य कर देंगे, तब तक चाहे कितने ही लोगों की जाने क्यों न चली जाएं, इस बात की उन्हें कोई परवाह नहीं है।

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