गाजियाबाद। हनुमान मंगलमय परिवार की ओर से हिंदू नव वर्ष व चैत्र नवरात्रि के प्रथम दुर्गा शैलपुत्री का पूजन करते हुए हनुमान मंगलमय परिवार के संस्थापक व विश्व ब्राह्मण संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि मां दुर्गा अपने पहले स्वरूप में शैलपुत्री के नाम से जानी जाती है। पर्वतराज हिमालय के वहां पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका यह शैलपुत्री नाम पड़ा था। वृषभ अब स्थिता इन माता जी के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है वहीं नवदुर्गा में प्रथम दुर्गा है अपने पूर्व जन्म में यह प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न हुई थीं तब इनका नाम सती था। इनका विवाह भगवान शंकर जी से हुआ था। पूर्व जन्म की भांति इस जन्म में भी वह शिवजी की अर्धांगिनी बनीं। नवदुर्गा में प्रथम शैलपुत्री दुर्गा का महत्व और शक्ति अनंत है। नवरात्र पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। इस प्रथम दिन की उपासना में योगी अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थित करते हैं। यहीं से इनकी योग साधना का प्रारंभ होता है इस अवसर पर हिंदू नव वर्ष के शुभ अवसर पर मकान के ऊपर हनुमान हनुमान ध्वज फहराया। इस अवसर पर अर्धांगिनी रीता शर्मा, जेष्ठ सुपुत्र हिमांशु शर्मा, पुत्रवधू बबीता शर्मा, अनुज पुत्र षजन शर्मा, पुत्री राधिका शर्मा, पुत्र अयान शर्मा द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना की गई।