नई दिल्ली। मंगलवार को जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीएसई बारहवीं बोर्ड परीक्षा रदद करने का फैसला लिया वैसे ही छात्रों व अभिभावकों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। खुशी में ट्वीट व ट्वीट और बधाई के संदेश प्रसारित होने लगे। दरअसल कोरोना की दूसरी लहर ने देश में बहुत कर बरपाया है। हालांकि अब कोरोना के नए मामले कम हो रहे हैं लेकिन मरने वालों का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में परीक्षाओं को लेकर सरकार काफी टेंशन में थी। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने तो परीक्षाएं रदद कराए जाने की मांग की थी जबकि तीन सौ से अधिक छात्रों ने भी कोर्ट से परीक्षा रदद करने की मांग की थी। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी में फैसला लिया कि इस बार बारहवीं की परीक्षाएं रदद की जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस फैसले के बाद ही आईसीएसई बोर्ड ने भी परीक्षा को रदद कर दिया। उधर, सीबीएसई बोर्ड ने प्रधानमंत्री के फैसले के बाद अधिसूचना जारी की है कि कक्षा दसवीं बोर्ड की तरह कक्षा बारहवीं के लिए भी आॅब्जेक्टिव क्राइटेरिया तैयार किया जाएगा। अगर कोई विद्यार्थी आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर तैयार किए गए परिणाम से संतुष्ट नहीं है, तो उसे परीक्षा देने का एक अवसर भी दिया जाएगा। स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा सभी विद्यार्थियों को परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। बता दें कक्षा दसवीं बोर्ड परीक्षा का अंतिम परिणाम तैयार करने के लिए सीबीएसई द्वारा विद्यालयों को पांच सदस्यीय शिक्षकों की कमेटी तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही मूल्यांकन के आधार पर परिणाम तैयार करने का फामूर्ला भी सीबीएसई द्वारा जारी किया जा चुका है।