बरेली। एक दिन पहले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली और मुरादाबाद में कोविड-19 से निपटने के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। सीएम योगी ने व्यवस्थाओं को बेहतर किए जाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने व्यवस्थाओं की हकीकत जाने के लिए एक गांव का भी निरीक्षण किया था लेकिन अगले ही दिन यानी रविवार को केन्द्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद संतोष गंगवार ने सीएम योगी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं को बरती जा रही लापरवाही के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों के द्वारा फोन न उठाने से रेफरल के नाम पर मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकते रहते हैं। पत्र में उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश में एमएसएमई के अंतर्गत आॅक्सीजन प्लांट लगाने के लिए अस्पतालों को सरकार द्वारा पचास प्रतिशत छूट दी जाती है। उन्होंने सुझाव दिया कि बरेली में भी कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों को इस छूट के साथ जल्द से जल्द आॅक्सीजन प्लांट मुहैया कराया जाए ताकि आॅक्सीजन की कमी दूर हो सके। केंद्रीय मंत्री ने यह भी अवगत कराया कि अस्पतालों में उपयोग होने वाले मल्टीपैरा मॉनीटर, बायोपैक मशीन, वेंटिलेटर समेत अन्य जरूरी उपकरणों की कालाबाजारी कर डेढ़ गुनी कीमत पर बेचा जा रहा है। इसलिए इनकी कीमतें निर्धारित की जाएं और एमएसएमई से रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों को छूट दिलाई जाए। एक अस्पताल में बेड न मिलने पर मरीज जब दूसरे अस्पताल जाता है तो कहा जाता है कि जिला अस्पताल से दोबारा रेफर कराकर लाओ। इधर-उधर भटकने के दौरान ही मरीज की आॅक्सीजन लगातार कम होती रहती है। ऐसे में मरीज को जब पहली बार रेफर किया जाए, तभी उसके पर्चे पर सभी रेफरल सरकारी अस्पतालों को अंकित किया जाए ताकि उसे भटकना न पड़े।