गाजियाबाद। दिल्ली उच्च न्यायालय महिला वकील फोरम द्वारा आयोजित वर्चुअल कैंटीन में लॉ इन रील लाइफ पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में गाजियाबाद समेत दिल्ली-एनसीआर की महिला वकीलों ने भाग लिया। कार्यक्रम की वक्ता फिल्म लिहाफ की नायिका अभिनेत्री सोनल सहगल, एडवोकेट मालविका राजकोटिया व डॉ. मेघा अनवर थीं। अभिनेत्री सोनल सहगल ने कहा कि इस्मत चुगताई ने अपनी रचनाओं में एक स्त्री की समस्याओं और स्त्री के नजरिए से समाज को पेश किया। इस्मत चुगताई को ब्रिटिश शासनकाल में समलैंगिकता के बारे में लिखने के लिए दंडित भी किया गया था। फिल्म लिहाफ के निर्देशक राहत काजमी ने कहा कि इस्मत चुगताई ने अपनी रचनाओं से महिलाओं पर होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। लिहाफ लिखने के कारण उन्हें कोर्ट में भी लड़ाई लड़नी पडी थी। लिहाफ इस्मत चुगताई का सबसे लोकप्रिय काम है। उनकी रचना पर बनी लिहाफ फिल्म को रिलीज से पहले ही 11 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। फिल्म के निर्माता राहत काजमी, तारिक खान, जेबा साजिद, नमिता लाल, उमेश शुक्ला व आशीष वाघ तथा आॅस्कर विजेता मार्क बास्केट व सेडोमिर कोलार सह निर्माता हैं। फिल्म में इस्मत चुगताई के रूप में तनिष्ठा चटर्जी, छोटी इस्मत के रूप में अनुष्का सेन, बेगम जाना के रूप में सोनल सहगल और रब्बो के रूप में नमिता लाल शामिल हैं। फिल्म के अन्य प्रमुख कलाकार नवाब के रूप में मीर सरवर, मंटो के रूप में शोएब निकाश शाह व उर्दू लेखक एम. असलम के रूप में अभिनेता वीरेंद्र काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में टू किल ए मॉकिंगबर्ड, कोर्ट और लिहाफ का उदाहरण देते हुए सिनेमा में न्यायपालिका के चित्रण पर भी चर्चा की गई।