गाजियाबाद। पूर्व सांसद नरेन्द्र कश्यप आज भी अपने समाज में उतने ही लोकप्रिय हैं जितना वे बसपा में सांसद रहते हुए थे। भले ही वे भाजपा में हैं लेकिन उनके समर्थकों व उनके समाज के लोगों की आस्थाएं आज भी उनके साथ हैं। यह साबित भी सोमवार को हो गया। प्रत्येक वर्ष महर्षि कश्यप जयंती के उपलक्ष्य में वे विशाल आयोजन करते हैं। इस आयोजन में यूपी ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों से भी लोग उनकी एक आवाज पर खिंचे चले आते हैं। लेकिन इस बार आयोजन गाजियाबाद में न कर उन्होंने जिला हापुड़ में किया। अपने गृह जनपद में महारैली आयोजित कर उन्होंने जता दिया कि वे 2022 के विधानसभा चुनाव में वे पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर सकते हैं। पूर्व सांसद नरेन्द्र कश्यप ने महारैली को संबोधित करते हुए भाजपा का भी खूब गुणगान किया। उन्होंने किसानों की आय दोगुणा समेत भाजपा की कई उपलब्धियां गिनार्इं। महारैली में उन्होंने कह भी दिया कि वे अपना राजनीतिक जीवन अब हापुड़ के साथ ही आगे बढ़ाएंगे। यहां के लोगों की सेवा करेंगे। यानी पार्टी उन्हें कहीं की भी जिम्मेदारी दे लेकिन वे पूरी तरह से हापुड़ पर ही फोकस रखेंगे। उन्होंने महर्षि कश्यप व महाराजा निषादराज की जयंती की सभी को शुभकामनाएं देते हुए हापुड़ की जनता के बीच ही रहने का संकल्प भी लिया। उनके संबोधन से साफ जाहिर हो गया कि वे गाजियाबाद की राजनीति से दूर होकर हापुड़ को ही अपनी राजनीति का केन्द्र बनाने जा रहे हैं। पूर्व सांसद नरेन्द्र कश्यप राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं और आने वाले समय को भी भांप लेते हैं। इसलिए उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधने का काम किया है। हापुड़ के भाजपा संगठन में उनके इस कदम से हलचल मची हुई है। अब यह तो समय ही बताएगा कि नरेन्द्र कश्यप हापुड़ की राजनीति में कितने फिट बैठते हैं। महारैली में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों व किसानों का पगड़ी पहनाकर सम्मानित भी किया गया। महारैली की अध्यक्षता कृष्णपाल कश्यप पहलवान ने की व संचालन रामकुमार कश्यप ने किया जबकि परमार्थ समिति के चेयरमैन वीके अग्रवाल, राजकुमार कश्यप, डाक्टर सागर कश्यप, राजेन्द्र गुर्जर, इन्द्रपाल कश्यप, नरेश कश्यप, राकेश कश्यप आदि मौजूद रहे।