गाजियाबाद। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष उदित मोहन गर्ग के नेतृत्व में पावर कारपोरेशन के मुख्य अभियंता पंकज के नाम एक ज्ञापन अधीक्षण अभियंता प्रमोद कुमार को सौंपा। ज्ञापन में व्यापारियों की विद्युत निगम संबंधी समस्याओं और सरकारी विभाग के रूप में विद्युत निगम द्वारा अपनाए गए अव्यावहारिक रवैये के बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने पूर्णरूपेण लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया था और व्यापारी वर्ग ने लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए भारी नुकसान उठाकर अपनी व्यापारिक गतिविधियों को रोककर हमेशा की तरह देश और समाज के लिए योगदान दिया। किंतु इस कठोर संकटकाल में जबकि व्यापारी वर्ग कठिन आर्थिक परिस्थितियों से गुजर रहा है, बिजली निगम ने बिजली बिल के निर्धारण की जो प्रक्रिया और नीति अपनाई है उससे व्यापारी वर्ग में भारी रोष और कष्ट है। लॉकडाउन की अवधि के जो बिजली बिल विभाग द्वारा व्यापारियों और प्रतिष्ठानों को भेजे गए हैं उनमें भारी त्रुटि है और बिल की राशि सामान्य समय में आने वाले बिल की राशि से भी कहीं अधिक है। विद्युत विभाग में अलग-अलग स्तर पर इस ओर ध्यान दिलाने पर भी कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इससे विद्युत विभाग का उदासीन व्यवहार प्रकट हो रहा है। व्यापार मंडल का मानना है कि व्यवहारिक रूप से तो लॉकडाउन सरकार द्वारा लगाई गई प्रक्रिया थी, जिसका पालन करते हुए व्यापारी वर्ग ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। अत: लॉकडाउन अवधि के बिजली बिल से व्यापारी वर्ग को राहत मिलनी चाहिए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल अनुरोध करता है कि आप विशेष रुचि लेकर व्यापारी वर्ग को लॉकडाउन की अवधि के बिजली बिल की विसंगतियों से निजात दिलाएं। इस मौके पर अशोक शर्मा (जिला महामंत्री), संजय शर्मा (जिला उपाध्यक्ष), सुनील चौधरी (महानगर उपाध्यक्ष), नरेश कुमार (राकेश मार्ग इकाई अध्यक्ष), बलदेव सिंह, कमल कुमार गर्ग आदि सभी व्यापारी मौजूद रहे।