पाकिस्तान में तीन माह के अंदर ही चाइनीज एप TikTok फिर बंद, कोर्ट ने दिया सस्पेंड करने का आदेश

इस्लामाबाद। पाकिस्तान कोर्ट ने एक बार फिर से चीन के वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक को सस्पेंड करने का आदेश दिया है। तीन महीने पहले ही इस एप से सरकार ने प्रतिबंध हटाया था। सिंध हाई कोर्ट ने ये आदेश एक पाकिस्तान नागरिक की उस याचिका पर दिया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि ये एप देश में अनैतिकता और अश्लीलता को बढ़ावा दे रहा है। पाकिस्तान के अखबार के अनुसार कोर्ट के फिलहाल पाकिस्तान टेलिकम्यूनिकेशन ऑथरिटी को 8 जुलाई तक के लिए इस एप को सस्पेंड करने का आदेश दिया है। इसी दिन इस मामले की अगली सुनवाई भी होनी है।
गौरतलब है कि मार्च में पेशावर हाई कोर्ट ने पीटीए को इस टिकटॉक एप को समाज में अश्लीलता फैलाने के आरोप में प्रतिबंधित करने का आदेश सुनाया था। कोर्ट ये ये आदेश में इस एप के खिलापु दायर एक याचिका पर सुनाया था। इससे पहले पिछले वर्ष अक्टूबर में भी पाकिस्तान में इस एप कोकुछ दिनों के लिए गलत कंटेंट प्रसारित करने के आरोप में बंद कर दिया गया था। हालांकि बाद में पीटीए ने एप कंपनी को चेतावनी देकर इसकी दोबारा शुरुआत करने की मंजूरी दे दी थी। पीटीए ने साफ कर दिया था कि एप किसी भी तरह के ऐसे कंटेट को नहीं दिखाएगा जो देश की संस्कृति और उसके नियमों के खिलाफ हो और समाज में किसी भी तरह के अंनैतिक कृत्यों और अश्लीलता को बढ़ावा देता हो।
पाकिस्तान में इंटरनेट कंपनियों ने एक बार फिर सरकार के संशोधित सोशल नियमों के खिलाफ विरोध किया है। नए नियमों के मुताबिक, नए ड्राफ्ट में सबसे अधिक समस्याग्रस्त प्रावधान है। दरअसल, नए ड्राफ्ट में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है। इंटरनेट कंपनियों ने दावा किया है कि लेटस्ट नए ड्राफ्ट में पूराने वर्जन की तुलना में पीछे है। इस महीने की शुरुआत में सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्रालय (MoITT) द्वारा सोशल मीडिया नियमों का तीसरा संस्करण, ‘गैरकानूनी ऑनलाइन सामग्री नियम 2021 को हटाना’ शीर्षक से प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, संशोधित नियमों के तहत इंटरनेट कंपनियों को पाकिस्तान में एक कार्यालय स्थापित करना होगा और देश में एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने अपने आदेश में चीन की एप कंपनी पर ये दोष भी मढ़ा है कि विभिन्न अदालतों में अनैतिकता और अश्लीलता को बढ़ावा न देने का आश्वासन देने के बावजूद भी इस तरह की चीजें इस एप के माध्यम से हो रही हैं। कंपनी अपनी कही बात पर खरी नहीं उतरी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एप कंपनी पाकिस्तान के नियम और कानूनों की न तो कोई इज्जत कर रही है और न ही इनका पालन कर रही है। कंपनी दोनों ही चीजों के पालन में पूरी तरह से विफल रही है। कंपनी इस्लाम और पाकिस्तान की संस्कृति को समझने में भी पूरी तरह से विफल रही है। हाल ही में पाकिस्तान में एलजीबीटी कम्यूनिटी के लिए सरकार ने सोशल मीडिया प्राइड मंथ केंपेन चलाया है। कोर्ट का आरोप है कि कंपनी इसका भी आदर नहीं कर रही है।