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देश के कई राज्‍यों में आकाशीय बिजली गिरने से हुई मौतों पर पीएम मोदी ने जताई संवेदना

नई दिल्‍ली। देश के कई राज्‍यों में बिजली गिरने से मौत हुई है। बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरना काफी आम बात मानी जाती है। लेकिन कभी-कभी ये आम सी बात अक्‍सर लोगों की जान ले लेती है। रविवार को राजस्‍थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्‍तर प्रदेश समेत कुछ अन्‍य राज्‍यों में भी इसकी वजह से गई लोगों की जान चली गई।

पीएम नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्‍यक्‍त की है। अपने एक ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि ‘राजस्थान के कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इससे अत्यंत दुख हुआ है। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’

जानकारी के मुताबिक राजस्‍थान में बादलों की गड़गड़ाहट के साथ गिरी आकाशीय बिजली के कारण राज्य में 23 लोगों की मौत हो गई। वहीं 28 घायल हो गए। वहीं, राजस्थान में जिस वक्त ये घटना हुई आमेर के किले के पास वाच टॉवर पर चढ़कर कुछ लोग सेल्फी भी ले रहे थे। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मृतकों के प्रति संवेदना जताई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के प्रति संवेदना जताते हुए प्रत्येक मृतक के परिवार को 5-5 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। पीएम नरेंद्र मोदी समेत राज्यपाल कलराज मिश्र ने मृतकों के प्रति संवेदना जताई है। बिजली गिरने से जयपुर में ही करीब 16 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 11 की मौत जयपुर के आमेर किले पर बने वॉच टावर पर उस वक्‍त हुई जब ये लोग यहां पर सेल्‍फी ले रहे थे।

हादसे के वक्‍त यहां पर करीब 35 लोग मौजूद थे। बिजली गिरने की वजह से कई लोग उछल कर नीचे पहाड़ी में जा गिरे। सरकार ने यहां पर रेस्‍क्‍यू मिशन चलाया हुआ है। घायलों को विभिन्‍न अस्‍पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ ही हालत नाजुक बताई जा रही है।

मालूम हो कि इस तरह की घटनाएं धरती पर लगभग हर जगह दिखाई देती हैं। इसलिए ये जानना जरूरी है कि आखिर ऐसा होता क्‍यों है। आपको बता दें कि बारिश के दिनों में अक्‍सर आसमान में बादल उमड़ते घुमड़ते दिखाई देते हैं। जब ये बादल विपरीत दिशा से आ रहे बादलों से टकराते हैं तो इससे इनमें मौजूद पानी की बूंदे चार्ज हो जाती हैं और एनर्जी जनरेट होती है जो सीधे धरती की तरफ आती है। इसकी ही वजह से कई बार हमें बिजली तड़तड़ाने की तेज आवाज सुनाई देती है। मालूम हो कि ये आवाज बिजली चमकने के कुछ देर बाद सुनाई देती है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि बिजली की रफ्तार आवाज की रफ्तार से काफी तेज होती है। इसलिए इसमें इतना अंतर दिखाई देता है। धरती से टकराने के लिए इसको एक कंडक्‍टर की जरूरत होती है। इसका ये काम आसान बनाते हैं धरती पर लगे बिजली के खंभे। ऐसे में यदि कोई इनकी चपेट में आता है तो उसकी जान भी जा सकती है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक बिजली गिरना और बिजली चमकना दोनों ही अलग-अलग घटनाएं हैं। आकाशीय बिजली से कैसे बचा जाए इसकी जानकारी देने के‍ लिए एनडीआरएफ ने कई ट्वीट किए हैं। इसमें इसको लेकर हर तरह की जानकारी दी गई है।

इससे बचने के उपाय की यदि बात करें तो यदि आप घर में हैं तो आंधी या बारिश के समय अपने टीवी, रेडियो, फ्रिज या अन्‍य दूसरी बिजली की चीजों के प्‍लग निकाल दें और इन्‍हें ऑफ कर दें। बारिश के दौरान मोबाइल का उपयोग करने से भी बचें। नंगे पांव फर्श पर न खड़ें हों। इलेक्ट्रिक एपलाइंस से दूरी बनाकर रखें। साथ ही ऐसी चीजों से भी दूर रहे जो बिजली गिरने पर इसके कंडक्‍टर की भूमिका में आ सकते हैं। जैसे लोहे के पाइप आदि। पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जानें से बचें ।

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