नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में जल्द ही ‘स्वदेशी’ काउंटर-ड्रोन तकनीक में बड़ी उपलब्धि हासिल कर लेगा। उन्होंने बताया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और अन्य एजेंसियां एक स्वदेशी काउंटर ड्रोन तकनीक विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। सरकार ने ड्रोन रोधी अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को पूरा समर्थन दिया है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान स्थित आतंकियों ने 27 जून को तड़के जम्मू शहर में भारतीय वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन के जरिए दो बम गिराए थे जिससे दो कर्मियों को मामूली चोटें आई थीं। पहला विस्फोट तड़के एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ था जिससे हवाई प्रतिष्ठान के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत ढह गई। इस स्थान की देखरेख का जिम्मा वायुसेना उठाती है। दूसरा विस्फोट पांच मिनट बाद जमीन पर हुआ। इन धमाकों में वायुसेना के दो कर्मी मामूली रूप से घायल हो गए थे।
वायुसेना प्रमुख ने इन हमलों को आतंकी कार्रवाई बताया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय वायु सेना सुरक्षा की ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को और मजबूत बना रही है। कई परियोजनाओं पर पहले से काम शुरू हो गया है। कुछ प्रणालियां काम पर लगा दी गई हैं। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि बहुत जल्द हमारे पास पर्याप्त प्रणालियां होंगी। हम लक्ष्य बनाकर इस तरह के खतरे से निपटने के रास्ते खोज लेंगे। यह किसी भारतीय सैन्य ठिकाने पर अपनी तरह का पहला हमला था।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 18वें अलंकरण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन इस नए खतरे से उबरने के लिए ‘स्वदेशी’ एंटी-ड्रोन तकनीक विकसित करने के लिए काम कर रहा है। मुझे विश्वास है कि हम जल्द ही ड्रोन रोधी तकनीक में सुधार करेंगे। गृह मंत्री का यह बयान पिछले महीने जम्मू वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले के बाद आया है।