किडनी के कई रोग बहुत गंभीर होते हैं और यदि इनका समय पर इलाज नहीं किया गया, तो उपचार असरकारक नहीं होता है। क्रोनिक किडनी फेल्योर जैसे रोग जो ठीक नहीं हो सकते हैं, उनका अंतिम चरण के उपचार जैसे – डायालिसिस और किडनी प्रत्यारोपण बहुत महँगे हैं। यह सुविधा हर जगह उपलब्ध भी नहीं होती है। इसलिए कहावत ‘Prevention is better than cure’ का अनुसरण बहुत जरूरी है। किडनी खराब होने से बचने की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होनी चाहिए।
किडनी का काम हमारे शरीर से सारी गंदगी को बाहर निकालना है। शरीर में मौजूद दोनों किडनियों में लाखों छोटे-छोटे फिल्टर्स होते हैं जो ब्लड को साफ करने का काम करते हैं। तो अब आप समझ ही गए होंगे किडनी का कितना बड़ा रोल हमें सेहतमंद रखने में है। तो किडनी से जुड़ी छोटी से छोटी प्रॉब्लम्स को इग्नोर करना जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में कैसे पता करें कि किडनी में प्रॉब्लम है या नहीं, आइए जानते हैं-
किडनी में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर गंदगी बाहर नहीं निकल पाती और इसी से शरीर में कई तरह के रोग पनपने लगते हैं। तो इन्हें पहचानें और समय रहते इसका इलाज कराएं।
किडनी में प्रॉब्लम आ रही है इसका सबसे पहला लक्षण जो सामने आता है, वह है यूरिनरी फंक्शन में बदलाव। जब किडनियों के फंक्शन में परेशानी आती है, तो शरीर से गंदगी बाहर नहीं निकल पाती जिससे हाथ, पैरों, जोड़ों, चेहरे और आंखों के नीचे सूजन की समस्या होने लगती है। तो इस समस्या को बिल्कुल भी इग्नोर न करें। जांच करा, दवाएं शुरू करें। जिसके चलते यूरिन के कलर, मात्रा और कितने बार पेशाब आती है, ये बदलाव नजर आने लगते हैं।
किडनी में किसी भी प्रकार की खराब से दिनभर थकावट और कमजोरी का एहसास होता रहता है। इसके अलावा कई बार बेवजह पीठ और पेट के किनारों में भी दर्द होता रहता है। तो ये संकेत है किडनी फंक्शन में हो रही किसी तरह की दिक्कत का।
किडनी के डैमेज हो जाने से बॉडी में कैल्शियम और फॉस्फोरस की मात्रा प्रभावित होती है, जिससे अचानक से बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है। त्वचा का फटना, रेशैज, अजीब सा लगना और बहुत ज्यादा खुजली महसूस होना भी दर्शाता है कि बॉडी से गंदगी बाहर नहीं निकल पा रही है।