नई दिल्ली। तोकते बाद तूफान यास ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। ओडिशा के भद्रक जिले के तट से टकराने के बाद यास से समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरे उठ रही हैं। कई कॉलानियों में समुद्र का पानी भर गया है। 120 से अधिक प्रतिकिलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। बंगाल में तूफान से अफरातफरी का माहौल है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पल-पल के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल और ओडिशा के अलावा बिहार, झारखंड, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी तूफान का असर है। तूफान यास के कारण झारखंड के पश्चिम सिंहभूम सहित कई जिलों में सुबह से बारिश हो रही है। वहीं, पटना सहित बिहार के 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। ओडिशा के चांदीपुर और बालासोर तो बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में तूफान सबसे ज्यादा प्रभावी है। साइक्लोन ओडिशा के पारादीप और सागर आइलैंड के बीच से गुजर रहा है। यास तूफान बुधवार सुबह करीब 9 बजे ओडिशा के भद्रक जिले के तट से टकराया। यहां समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में सेना, एनडीआरएफ और तटरक्षक दल के लोग बचाव अभियान में जुटे हैं। तूफान के लैंडफॉल होने की प्रक्रिया सुबह 9 बजे शुरू हुई। यास तूफान से प्रभावित हुए लोगों के लिए नौसेना का जहाज चिल्का में राहत सामग्री लेकर ओडिशा के खोरदा जिले पहुंचा है।
तूफान से ओडिशा के चांदीपुर और अब्दुल कलाम आइलैंड पर मिसाइल लॉन्चिंग साइट को नुकसान पहुंचने की आशंका है। लंबी दूरी की मिसाइल्स को यहीं से लॉन्च किया जाता है। 165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और 2 मीटर से 4.5 मीटर तक लहरें उठ सकती हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा और हुगली में भी तूफान का असर दिख रहा है। कोलकाता में सेना के 9 बचाव दलों को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। इनके अलावा 17 दलों को पुरुलिया, झारग्राम, बीरभूम, बर्धमान, पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, नादिया के साथ 24 परगना उत्तर और दक्षिण में तैनात किया गया है। ओडिशा और बंगाल के साथ ही तमिलनाडु और कर्नाटक के कई तटीय इलाकों में मंगलवार से ही तेज बारिश के साथ आंधी जारी है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आपदा राहत की टीमें तैनात हैं। एयरफोर्स और नेवी ने भी अपने कुछ हेलिकॉप्टर और नावें राहत कार्य के लिए रिजर्व रखी हैं। तूफान को लेकर ओडिशा के 6 जिले हाई रिस्क जोन घोषित किए गए हैं। इनमें बालासोर, भद्रक, केंद्रपारा, जगतसिंघपुर, मयूरभंज और केओनझार शामिल हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, दोपहर तक यास चक्रवात भयंकर रूप धारण कर सकता है। पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी से निकला यह तूफान तेज रफ्तार के साथ उत्तर से उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। ओडिशा के बासुदेवपुर में करीब 400 लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया है। अलर्ट के बाद कोलकाता एयरपोर्ट पर बुधवार सुबह 8:30 बजे से शाम 7:45 बजे तक आॅपरेशन बंद रखने का फैसला किया गया है। साथ ही भारतीय रेलवे ने दक्षिण से कोलकाता के लिए 38 रूट पर चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को 29 मई तक के लिए रद्द कर दिया है। ईस्टर्न रेलवे ने भी मालदा-बालुरघाट पैसेंजर ट्रेन 26 और 27 मई के लिए रद्द कर दी हैं। तूफान की तेजी को देखते हुए रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को पटरियों के साथ लोहे की जंजीरों से बांधा जा रहा है, ताकि कोई दुर्घटना न हो सके। बंगाल में 11 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि 11.2 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। तूफान के असर से हालिशहर में 40 हजार से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है। इस दौरान 4-5 लोग घायल भी हुए। छुछुरा में भी करीब इतने ही घर क्षतिग्रस्त हुए, जबकि पंदुआ में बिजली गिरने से 2 लोगों की मौत हुई। राज्य के गवर्नर जगदीप धनखड़ कोलकाता के अलीपुर स्थित मौसम विभाग के आॅफिस पहुंचे। यहां उन्होंने चक्रवात से निपटने के लिए मौजूद संसाधनों का जायजा लिया।