गाजियाबाद। एक तरफ जहां सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं की परीक्षा निरस्त कर दी हैं और बारहवीं की परीक्षा स्थगित कर दी हैं वहीं स्कूल प्रबंधन और पैरेंट्स एसोसिएशन में फीस को लेकर तलवारें अभी भी खिंची हुई हैं। अधिकांश स्कूल, पैरेंट्स से फीस वसूल चुके हैं जबकि जिन अभिभावकों ने फीस जमा नहीं की उन्हें लेट फीस के साथ नोटिस भेजे जा रहे हैं। ऐसे ही एक नोटिस को लेकर आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिन सोनी ने अध्यक्ष शिवानी जैन की ओर से शिकायत भरा पत्र मीडियाकर्मियों को व्हाटसएप किया है। यह व्हाटसएप मैसेज स्कूल फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष जैन के स्कूल सिल्वर लाइन स्कूल से संबंधित था। जैसे ही इस मैसेज के बारे में सुभाष जैन को जानकारी हुई तो उन्होंने आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष शिवानी जैन को लेकर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि एक तो स्कूलों को फीस जमा नहीं कराई जा रही है तो दूसरे ऐसे लोग अभिभावकों को भड़काकर अपनी राजनीति चमकाने का काम कर रहे हैं। सुभाष जैन ने सीधे तौर सवाल खड़ा किया कि क्यों नहीं शिवानी जैन अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाती हैं, उन्हें क्या जरूरत है महंगे स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने की। सिल्वर लाइन स्कूल नेहरुनगर की प्रिंसीपल माला कपूर ने व्यॉस मैसेज भेजकर आॅल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के आरोपों को सिरे से नकारा है। उधर, शिवानी जैन का आरोप है कि इंडिपेंडेंट स्कूल्स फेडरेशन के जिला अध्यक्ष सुभाष जैन द्वारा संचालित स्कूल सिल्वर लाईन प्रेस्टिज ने उन अभिभावकों से लेट फीस के रूप में 5 रुपये प्रतिदिन से चार्ज किए जाने का नोटिस भेजा है। जिन्होंने अभी तक फीस जमा नही करायी है। अब पेरेंट्स को इंतजार है सरकारी आदेश का। अगर सरकार मानती है कि कोरोना में किसी की नौकरी, व्यापार प्रभावित नहीं हुए हैं, स्कूलों द्वारा आॅफलाइन के बराबर ही आॅनलाइन में मांगे जाने वाली फीस जायज है तो फीस जमा कराने का शासन से आदेश जारी किया जाए और यदि सरकार मानती है कि आॅनलाइन पढ़ाई में भी स्कूलों द्वारा आॅफ लाइन के बराबर मांगी जा रही फीस नाजायज है तो सरकार को स्कूलों के लिए आदेश जारी करना चाहिए तथा लेट फीस चार्ज करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए।