गुवाहाटी। असम में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी विधायक सुशांत बोरगोहेन ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि ऊपरी असम की थोवरा सीट से चुने गए बोरगोहेन ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दिया। उन्हें पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर पैदा हुए तनाव के बीच बराक घाटी के सभी विधायकों ने राज्य के सीएम हिमंता विस्व सरमा को अपना समर्थन दिया है। सिलचर के सर्किट हाउस में बराक घाटी के विधायकों की संयुक्त सर्वदलीय बैठक में मौजूद तीन जिलों के 15 में से 11 विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और सरकार की पहल का तहे दिल से समर्थन किया जाएगा। बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि मिजोरम से राज्यसभा सांसद के.वेंलेल्वना द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में राज्यसभा के सभापति को अवगत कराया जाए। इस घटना में मिजोरम के कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक को भूमिका संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग की गई।
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अपूर्ब कुमार भट्टाचार्य ने बोरगोहेन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक, असम में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने शनिवार को असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमरे को सुशांत बोरगोहेन को दल बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने के लिए पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि बोरगोहेन दो अगस्त को भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
असम-मिजोरम की सीमा पर शनिवार को भी तनावपूर्ण शांति रही। सोमवार को संघर्ष की घटना के बाद से सीमा पर केंद्रीय बल मुस्तैद है। दोनों राज्यों की पुलिस सीमा से 100 मीटर अंदर तैनात है। असम की ओर से एक भी ट्रक मिजोरम की ओर नहीं गया। जबकि मिजोरम की ओर से कुछ ट्रक असम की ओर से आए। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने मिजोरम प्रशासन द्वारा अपने और अपने छह अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराए जाने पर सवाल उठाया है।