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अधिकारियों के निरीक्षण में खुली अस्पतालों की पोल, बाहर लगा था हाउसफुल का बोर्ड, आईसीयू में थे दस बेड खाली, एक लाख का लगा जुर्माना

गाजियाबाद। एक तरफ लोग बिना इलाज के दम तोड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ अस्पतालों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अधिकारियों की टीम ने जब अस्पतालों में वास्तविकता का पता लगाने के लिए निरीक्षण किया तो कई चौंकाने वाली बात सामने आर्इं। कोरोना से संक्रमित मरीजों हेतु बेड की उपलब्धता, आॅक्सीजन व बेहतर मेडिकल सुविधाओं के दृष्टिगत नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीएम सिटी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, एसीएम द्वारा अस्पतालों का निरीक्षण किया। अस्पतालों के निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में कुल बेड की संख्या, उपलब्ध आॅक्सीजन बेड, आईसीयू बेड की ससंख्या, मरीजों की संख्या, उपयोग में लाई जाने वाली आॅक्सीजन सिलेंडर की संख्या व अन्य मेडिकल सुविधाओं को परखा गया। निरीक्षण के दौरान कई निजी अस्पतालों की लॉग बुक से जानकारी प्राप्त हुई कि 30 से 45 मिनट में लगभग 20 आॅक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है जो कि गैस टैक्नीशियन द्वारा बताया गया कि पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन उपलब्ध हो रही है। अस्पतालों के स्टोर में आॅक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त पाए गए। निरीक्षण के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों की टीम द्वारा अस्पतालों में पर्याप्त आॅक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध होने पर भी अस्पतालों में प्रति बेड आॅक्सीजन आवश्यकता के आधार पर आॅक्सीजन डिमांड रिपोर्ट तैयार की गई ताकि उस आधार पर आॅक्सीजन की सप्लाई लगातार की जा सके मरीजों को आॅक्सीजन संबंधित किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न आगामी दिनों में ना हा। ली क्रस्ट अस्पताल के गेट पर फुल बेड का बोर्ड लगा हुआ पाया गया किंतु वास्तविकता के आधार पर यह बिल्कुल गलत साबित हुआ। अस्पताल में आईसीयू बेड 10 रिक्त पाए गए, उपस्थित मरीजों का भी गाजियाबाद से बाहर वाले मरीजों का रजिस्ट्रेशन पाया गया। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अस्पताल प्रबंधन को बुलाए जाने पर मौके पर अस्पताल से कोई जिम्मेदार स्टाफ उपस्थित नहीं हुआ काफी इंतजार करने के बाद अस्पताल से जीएम आॅपरेशन सुरेश उपस्थित हुए जो कि मरीजों के प्रति अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार द्वारा निरीक्षण के दौरान बायो मेडिकल वेस्ट तथा जनरल वेस्ट का निस्तारण सिंगल विंडो पाया गया जोकि बायो सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम 2016 का उल्लंघन है। इसके तहत अस्पताल पर एक लाख का जुर्माना तथा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 48 घंटे के समय अंतराल में यदि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है तो अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की कार्यवाही भी की जाएगी। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि शहर के मरीजों को यदि किसी भी प्रकार की परेशानी अस्पताल अपने लाभ की वशीभूत उत्पन्न करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी, साथ ही नगर आयुक्त द्वारा गाजियाबाद की मरीजों को प्राथमिकता देने तथा शहर के अस्पतालों के प्रबंधकों से आॅक्सीजन सिलेंडर उपलब्धता में किसी प्रकार की परेशानी को प्रशासन से तत्काल बताने के लिए कहा गया।

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