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हाउस टैक्स बढ़ाने का विरोध करता है रालोद: इन्द्रजीत सिंह टीटू

गाजियाबाद। कोरोना काल में जब सबकुछ बंद है और बहुत से लोगों ने अपनों को खो दिया है ऐसे में नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स बढ़ाने की बात की जा रही है। इसको लेकर रालोद ने कड़ा विरोध किया है। रालोद के प्रवक्ता इन्द्रजीत सिंह टीटू ने कहा कि पार्टी निगम के इस निर्णय का घोर निंदा करती है और विरोध करती है। उन्होंने मीडिया को जारी बयान में कहा कि नगर निगम का इस मौके टैक्स का बढ़ाया जाना मर रहे व्यक्ति को दो लात और मारने के बराबर है। एक साल से शहर की जनता महामारी को झेल रही है। 70 प्रतिशत शहर की जनता किसी ना किसी रूप में अपना नुकसान कर चुकी है। किसी के परिवार के व्यक्ति दुनिया छोड़ चुके हैं कई लोग लाखों रुपए इलाज पर लगा चुके हैं ,कई लोगों ने अपना सोना बेच दिया है, कई परिवारों ने बैंकों से लोन उठा लिए हैं। कई परिवारों ने अपनी चीजें गिरवी रख दी है अपनी जान की रक्षा के लिए। यह कौन सा समय चुना गया है टैक्स की बढ़ोतरी का, यह गाजियाबाद की जनता की समझ से बाहर व अनुचित है। महापौर को जनता ने बहुत ही उम्मीदों के साथ भारी भरकम वोटों से जिताया है। महापौर को आउट आॅफ द वे जाकर जनता के साथ खड़ा होना चाहिए। निगम के साथ नहीं। गाजियाबाद की बहू, गाजियाबाद की बेटी, गाजियाबाद की नागरिक होने के साथ बहुत सारी जिम्मेदारियां उन पर हंै। गाजियाबाद की जनता की हक की लड़ाई खुद महापौर लड़े और जनता का हक दिलवाए। यह टैक्स में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि अधिकारी आज यह गाजियाबाद देख रहे हैं कल किसी और जिले में पदोन्नति होने के बाद चले जाएंगे। महापौर को हमेशा गाजियाबाद में रहना है। पद पर रहते हुए भी और पद के बाद भी। वे पार्टी की तरफ से इस निर्णय की घोर निंदा करते हैं और अपनी आपत्ति दर्ज कराते हैं। उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए हैं। अगर कोई मजबूरी है कि टैक्स की बढ़ोतरी होनी चाहिए तो यह टैक्स के बढ़ने का भार उन व्यक्तियों पर पढ़ना चाहिए जिनके परिवार में पांच मेंबर हैं और पांचों की शहर में पांच ही प्रॉपर्टीज है जिन व्यक्तियों के पास एक ही घर है या एक ही फ्लोर है और उस आदमी ने रिटायरमेंट के बाद अपना रहने का घर बनाया है सिर ढकने का घर बनाया है किसने अपने जीवन की सारी कमाई अपने एक मकान में लगा रखी है और इतनी भारी मात्रा में टैक्स भरता रहेगा और किश्त भरता रहेगा। और भी बहुत से टैक्स हर परिवार के साथ हर बिजनेसमैन के साथ हर नौकरी पैसे वाले के साथ जुड़े हुए हैं। गरीब, मध्यमवर्ग व्यक्ति रोटी कहां से खाएगा। अपने बच्चों को रोटी कहां से खिलाएगा और इस तरीके की महामारी अगर शहर में देश में आ जाएगी तो इलाज के लिए पैसे कहां से लाएगा। इसलिए इस टैक्स बढ़ोतरी को वापस कर लिया जाए।

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