नई दिल्ली, हिंट समाचार। शनिवार के कारक देवता शनि देव या शनि ग्रह हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताएंगे जिनको शनिवार को करने से शनि देव नाराज हो सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि ऐसे कार्य न करें। शनिवार के दिन को शनि देव का दिन माना जाता है। इस दिन शनिदेव की आरधना की जाती है। ऐसे में कहा जाता है कि शनिदेव को खुश करने के लिए कुछ ऐसे उपाय किये जा सकते हैं जिससे हमारे शनि दोष भी कम हो और देव भी हम पर प्रसन्न हों। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं शनिदेव नाराज क्यों होते हैं और उन्हें खुश रखने के लिए क्या किया जा सकता है। शनिवार के कारक देवता शनि देव या शनि ग्रह हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन शनि देव या हनुमान जी की पूजा करने से आपकी कुण्डली का शनि दोष समाप्त हो जाता है। शनि देव को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। वो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार अच्छे कर्म का अच्छा फल तथा बुरे कार्मों का बुरा फल प्रदान करते हैं। परन्तु कई बार हम से अंजाने में कई ऐसे कार्य हो जाते हैं, जिनके कारण हमें बुरे फल भुगतने पड़ते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताएंगे, जिनसे शनि देव नाराज हो जाते हैं, कोशिश करें कि ऐसे कार्य न करें। आइये जानें–
कहते हैं किसी मजदूर या जरूरतमंद को सताने में जो आगे होते हैं उनसे शनि देव रूठ जाते हैं। कहा जाता है जो लोग माता-पिता का आदर नहीं करते हैं उनसे शनि देव रूठ जाते हैं। कहते हैं किसी का पैसा हड़पने में जो आगे रहते हैं उनसे शनि देव रूठ जाते हैं। कहा जाता है अमावस्या के दिन मांस-मदिरा का सेवन करने वालों से शनि देव रूठ जाते हैं। कहते हैं जिनके घर के पश्चिम में पानी का टैंक बना हुआ होता है उनसे शनि देव रूठ जाते हैं। कहा जाता है जिन लोगों का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में होता है और आसपास गंदगी रखते हैं उनसे शनि देव रूठ जाते हैं। कहा जाता है असहाय, निर्बल, दिव्यांग लोगों का मजाक उड़ाने वालों से शनि देव रूठ जाते हैं।
आइए बताते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय-
इसके लिए शनिवार को सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद शनि की पूजा करें और काले या नीले आसन पर बैठकर तिल के तेल का दीया जलाएं। उसके बाद 27 दिन तक सुबह-शाम लगातार 7 बार शनि स्तोत्र का पाठ करें। इसी के साथ अपनी समस्या के लिए शनिदेव से प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपकी समस्या का निदान हो जाएगा।
शनिवार को लोग सरसों के तेल के साथ काला तिल भी दान करते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि तेल की ही तरह काला तिल भी शनिवार को नहीं खरीदना चाहिए। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होने के बजाए नाराज हो सकते हैं। कहा जाता है शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को सरसों का तेल का दान करना या उसका दिया जलाना लाभदायक होता है। परन्तु इस दिन सरसों का तेल खरीदकर घर में नहीं लाना चाहिए और न ही दुकान से खरीदना चाहिए। पहले से खरीद कर रखे हुए तेल का ही उपयोग करना चाहिए।
रखे यह सावधानी-
शनिवार के दिन स्नान करने के बाद पूजा में हमेशा साफ कपड़े पहनें। ध्यान रहे शनिदेव की पूजा में हमेशा सरसों तिल के तेल का ही प्रयोग करें। इसके अलावा पीपल के पेड़ के नीचे शनि की पूजा करें, शनिवार के दिन उत्तर और पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए, ये आपके जीवन में कष्ट का कारण बन सकती है।
शनिवार को लोहा या लोहे से बने समान नहीं खरीदना चाहिए। इस दिन लोहे का दान करना उचित है, परन्तु खरीदना उचित नहीं माना जाता है। शनिवार को जूते-चप्पल का दान करने से शनि के दोष दूर होते हैं, परन्तु ध्यान रखें कि इस दिन किसी व्यक्ति से जूते-चप्पल का उपहार न लें और न ही दें।