नई दिल्ली। भारत के यंगेस्ट वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर जीवितेश सिंह को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और पक्षी, प्रकृति और वन्यजीव फोटोग्राफी के क्षेत्र में उनकी व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिए प्राइड आॅफ इंडिया अवॉर्ड 2021 से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार समारोह का आयोजन एंटी करप्शन फाउंडेशन आॅफ इंडिया द्वारा किया गया था और अध्यक्षता एसीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र अरोड़ा ने की थी। अवतार गिल, फिल्म अभिनेता, गौरी मिश्रा, राष्ट्रीय कवयित्री, डॉ. हरलीन कौर, नेशनल कोआॅर्डिनेटर, सुश्री दिव्या पाटीदार जोशी, मिसेज इंडिया, मिसेज इउर एशिया, मिसेज सेंट्रल एशिया और कई अन्य प्रसिद्ध हस्तियां वहां मौजूद थीं। उनकी क्लिक की गई तस्वीरों की बहुत पहले से ही सराहना की जाती रही है और पहले से ही भारत सरकार के दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों की कई प्रमुख इमारतों की दीवारों को जीवितेश सिंह द्वारा खींचे गए चित्रों से सजाया जाता रहा है। विलक्षण प्रतिभाशाली चाइल्ड ने पहले ही कई पुरस्कार जीते हैं, जैसे इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स द्वारा भारत के सबसे कम उम्र के फोटोग्राफर के रूप में जीता अवार्ड मात्र 11 वर्ष की आयु में जीता था। असिस्ट बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा यंगेस्ट पक्षी फोटोग्राफर के रूप में पुरस्कार जीता। ग्लोबल रिकॉर्ड्स एंड रिसर्च फाउंडेशन विश्व स्तर पर मानकीकरण, एकरूपता और रिकॉर्ड्स के मापन के क्षेत्र में प्रीमियर रिकॉर्ड्स प्रोसेसिंग अथॉरिटी द्वारा यंगेस्ट वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर के रूप में भी खिताब जीता। इनक्रेडिबल बुक आॅफ रिकॉर्ड्स द्वारा यंगेस्ट वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर का खिताब, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के क्षेत्र में पर्ल आॅफ नेशन अवार्ड, नेशनल फोटोग्राफी प्रतियोगिता ब्लैक बक नेशनल पार्क, गुजरात, इंडिया द्वारा आयोजित में प्रथम सांत्वना पुरस्कार, 2020। इंटरनेशनल आर्टवर्क सर्किट में बेस्ट यंगेस्ट इंटरेनट अवार्ड 2020, इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2020 में पक्षी, प्रकृति और वन्यजीव फोटोग्राफी के लिए जीता। उसकी क्लास टीचर मिस उदित प्रज्ञा एवं एवं इंचार्ज रूपा मैडम उसको बहुत सपोर्ट करती हैं। उसको पढ़ाई के साथ-साथ फोटोग्राफी क्षेत्र में भी कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करती हंै। 14 साल की उम्र के युवा लड़के और एसएलएसडीएवी पब्लिक स्कूल, मौसम विहार दिल्ली के नौवीं कक्षा के छात्र जीवितेश सिंह ने बताया कि वह इस क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और पक्षियों और उनके आवासों को बचाने के लिए भी यथासंभव प्रयास हमेशा से रहे हैं एवं हमेशा इस क्षेत्र में कार्य करते रहेंगे।