लखनऊ। यूपी में हुए पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधि में लिप्त होने के आरोप में बसपा प्रमुख ने विधायक दल के नेता लाल जी वर्मा पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे राम अचल राजभर को निष्कासित कर दिया गया है। दरअसल बसपा प्रमुख मायावती को शिकायत मिली थी कि अम्बेडकर नगर में लालजी वर्मा और राम अचल राजभर ने जिला पंचायत चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों का साथ नहीं दिया है। लालजी वर्मा और राम अचल राजभर अभी भी बसपा से विधायक हैं और दोनों का पार्टी में काफी बड़ा कद था। लालजी वर्मा तो प्रदेश में बसपा की हर सरकार में मंत्री रहे हैं। वैसे भी बसपा में अनुशासनहीनता और धोखाधड़ी कतई बर्दाश्त नहीं की जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आजमगढ़ के मुबारकपुर से लगातार दूसरी बार विधायक बने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को पार्टी के विधायक दल का नया नेता बनाया है। वह विधानसभा में पार्टी के नेता विधानमंडल दल होंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर भी कई बसपा पदाधिकारियों पर गाज गिरना तय है। पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी कार्य करने वालों की शिकायतों की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर पार्टी काफी गंभीर है, इसलिए अनुशासनहीनता करने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।