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बच्चों को कोरोना वायरस, डेल्टा प्लस वैरिएंट के कहर से बचाने के लिए क्या करना होगा

नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट का कहर अभी कुछ कम हुआ ही था कि अब डेल्टा प्लस वैरिएंट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि सरकार ने भी इस नए वैरिएंट के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भारत से पहले यह वैरिएंट 9 देशों में पाया जा चुका है। ऐसे में सबसे आवश्यक है टीका का लगना। छोटे बच्चों, 18 साल से कम उम्र के लिए वैक्सीन अब भी ट्रायल चरण में ही है, इसलिए बहुत सावधानी की जरुरत है, खास कर के बच्चों जो किसी की सुनते हीं नहीं, जबकि हम सब को यह भी सुनने को मिल रहा हों कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खासतौर पर ख़तरनाक साबित हो सकती है, लेकिन डॉक्टर्स का मानना है कि वयस्कों की बच्चों का भी सही समय पर डायगनोसिस और इलाज शुरू होना चाहिए, ताकि वे न सिर्फ कोविड से लड़ पाएं, बल्कि गंभीर स्थिति से भी बच पाएं।

इसलिए अगर आपको बच्चों को जोखिम भरे वातावरण से ज़्यादा से ज़्यादा बचाना चाहिए, बल्कि शुरुआती लक्षणों पर नज़र रखनी चाहिए। जैसे- बच्चे अक्सर खांसी, एलर्जी और श्वसन संक्रमण के आसानी से शिकार हो जाते हैं। बदली हुई आवाज़ और गले में खराश कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए ग़रारे करने, भाप लेने के अलावा डॉक्टर से तुरंत सलाह ले। कई बच्चों में नाक बहने जैसे लक्षण भी दिखते हैं, इसके साथ नाक में खुजली, नाक का बंद होना या सूंघने की शक्ति का जाने का भी अनुभव करते हैं। बच्चों में इसके लक्षण मतली, दस्त, पेट में दर्द, मुंह में छाले जैसे हो सकते हैं। बच्चों को भूख लगना बंद हो सकती है, कमज़ोरी, पेट ख़राब, या खाना निगलने में दिक्कत आ सकती है।

बच्चों को ऊर्जा के स्तर में गिरावट, सुस्त, नींद से भरे या भयानक थकान का अनुभव कर सकते हैं। शिशुओं में थकान और शरीर में दर्द, उनके रोने और असामान्य व्यवहार से पता चल सकता है। मांसपेशियों में दर्द, शरीर में दर्द और सिर दर्द भी कोरोना की दूसरी लहर सबसे आम लक्षण रहा था। डॉक्टर का भी सुझाव है कि वायरस के कारण होने वाली सूजन छोटे बच्चों में भी इसी तरह के लक्षण पैदा कर सकती है।

जब बच्चे कोविड-19 से संक्रमित होते हैं, तो उन्हें 102 डिग्री तक बुख़ार हो सकता है। वैसे तो बुख़ार आने के और कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कोविड होने पर बुख़ार के साथ ठंड लगना, शरीर में दर्द और भयानक थकावट हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें ।

त्वचा संबंधी लक्षण भी कई मामलों में कोविड-19 संक्रमण से जुड़े पाए गए। बच्चों की त्वचा का लाल होना, फफोले, पित्ती, चकत्ते, खुजली हो सकती है, साथ ही आंखों का लाल होना, आंखों में खुजली या फिर सूजन के रूप में देखा जा सकता है। अगर बच्चे के होंठ हल्के नीले दिखें या त्वचा का रंग बदलता दिखे, तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

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