नई दिल्ली। बंगाल चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस समेत अन्य गैर भाजपाई दलों की बांछें खिला दी हैं। बंगाल में एक बार फिर से ममता दीदी की सरकार बनने जा रही है। बंगाल में पूरी ताकत झोंकने वाली भाजपा दो अंकों में ही सिमटती नजर आ रही है जबकि तृणमूल हैट्रिक की ओर है। हालांकि नंदीग्राम से दीदी चुनाव हार गई हैं लेकिन बताया जा रहा है कि नंदीग्राम परिणामों की रिकाउंटिंग की जा रही है। पहले ममता दीदी को चुनाव जीतने का ऐलान किया गया लेकिन बाद में शुवेंदु अधिकारी घोषित कर दिए गए। सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रदर्शन पर ममता बनर्जी ने शाम करीब पांच बजे पत्रकारों से कहा कि यह बंगाल और बंगाल के लोगों की जीत है। ममता ने सभी की जीत की बधाई देते हुए यह भी कहा कि हम कोरोना के चलते अभी जीत का जश्न नहीं मनाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण हमारी पहली प्राथमिकता है। ममता ने इस दौरान जय बांग्ला का नारा भी लगाया। पश्चिम बंगाल के परिणाम से भाजपा भले ही हतप्रभ हो, लेकिन कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है। कांग्रेस के हाथ भले ही बंगाल में एक भी सीट नहीं लगी है, लेकिन उसकी खुशी की वजह भाजपा की हार बनी है। जानकार तृणमूल कांग्रेस की बेहतरीन जीत के पीछे कांग्रेस के मौन साथ को भी एक वजह मान रहे हैं। चुनाव के दौरान राहुल और प्रियंका गांधी ने बंगाल से दूरी बना रखी थी। दरअसल, भाजपा चाहती थी कि कांग्रेस बंगाल की सीटों से थोड़े थोड़े वोट भी ले तो टीमएसी को नुकसान होगा और भाजपा को इसका सीधा फायदा। कांग्रेस ने सुस्ती भरे चुनावी प्रचार के जरिए भाजपा की उम्मीदों को पलीता लगा दिया और खामोशी से बिना वोट काटे दीदी को मजबूत कर दिया। अब कांग्रेस खुश है कि उसके दुश्मन की हार हुई है। भले ही जीत का सेहरा ममता बनर्जी के सिर पर सजने वाला हो। उधर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी को मिली जीत पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ओ दीदी ओ दीदी कहने वालों को बंगाल की जनता ने जवाब दे दिया है।