गाजियाबाद। नगर निगम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की खबरें सामने आ रहे हैं। निगम के अधिकारी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इस बार आरोप बेहद गंभीर लगे हैं। पार्षद मनोज चौधरी ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर भष्टाचार हो रहा है। खुलेआम दो लाख रुपये में ड्राईवर नियुक्त किए जा रहे हैं, पांच लाख रुपये में इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जा रही है। इंस्पेक्टर की नियुक्ति शासन स्तर से होती है। भ्रष्टाचार में नगर स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं। डीजल की कालाबाजारी में इस्पेक्टर व नगर स्वास्थ्य अधिकारी की नूरा कुश्ती चल रही है। डीजल पर कमीशन मांगने के मामले में अधिकारियों ने उसकी जांच हेतु थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई, इतने बड़े भ्रष्टाचार की जांच कराना निगम अधिकारियों ने जरूरी नहीं समझा, यह समझ से परे है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में जो सामान की खरीदारी हो रही है उसमे बड़े पैमाने पर कमीशन लिया जा रहा है। करोड़ों रुपये की बायोमैट्रिक मशीन की खरीदारी हुई, उन पर धूल चढ़ी हुई है। छिडकाव के लिए लाई गर्इं मशीनें खराब पड़ी हैं। मेरे वार्ड की मशीन आज तक खराब है। तीस प्रतिशत सफाई कर्मचारी आते ही नहीं, इस खेल मे सुपरवाइजर, इंस्पेक्टर व नगर स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं। अधिकारी गाजियाबाद की जनता के खून पसीने की कमाई को जमकर लूट रहे हैं। मेयर आशा शर्मा ने भी मालियों की फर्जी हाजिरी के खेल का खुलासा किया था, लेकिन जांच शून्य रही। उन्होंने नगरायुक्त से उपरोक्त भ्रष्टाचार की जांच शासन से किसी बड़ी एंजेसी से कराने की मांग की है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल प्रभाव से रिलीव किया जाए।