लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर सेना समकक्ष संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों, सिविल सेवा अधिकारियों एवं मित्र देशों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों का परिचय प्राप्त कर उनसे संवाद किया। इस प्रतिनिधिमण्डल में भारत सहित इंडोनेशिया, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, वियतनाम, म्यांमार, सऊदी अरब आदि देशों के सैन्य अधिकारी शामिल रहे। यह प्रतिनिधिमंडल इन दिनों उत्तर प्रदेश में अध्ययन भ्रमण पर है। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जिसकी आबादी 24 करोड़ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत भारत की केन्द्र बिन्दु रही है। यहां पर भगवान श्रीराम की धरती अयोध्या और भगवान श्रीकृष्ण की धरती मथुरा स्थित है। सांस्कृतिक एवं प्राचीन नगरी काशी भी इसी प्रदेश में है। यहां समृद्ध आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परम्पराओं के अलावा, पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन भी उपलब्ध हैं। प्रदेश के पूर्व, पश्चिम, मध्य व बुन्देलखण्ड क्षेत्रों में सामाजिक व आर्थिक भिन्नताओं के बावजूद यह राज्य एकजुट होकर प्रति व्यक्ति आय की बढ़ोत्तरी में योगदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरी है। प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर, लोक कल्याण, एमएसएमई व कृषि तथा अन्य क्षेत्र में हुए सार्थक कार्यों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश एक समर्थ व सक्षम राज्य बना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने निवेश का बेहतर वातावरण तैयार किया है। अपराध और अपराधियों के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। सुरक्षा व कानून व्यवस्था पर विशेष फोकस कर निवेश को बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में 21 सेक्टोरल पॉलिसीज के माध्यम से निवेश को आकर्षित करने में सहायता मिली है। ईज आॅफ डूईंग बिजनेस के लिए भी सुधार किए गए। वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश ईज आॅफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में 14वें स्थान पर था, जो आज सरकार की नीतियों के माध्यम से दूसरे स्थान पर आ गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में तीन लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रदेश में आया है। टीम वर्क के माध्यम से जो प्रयास हुए हैं, उससे नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना प्रबन्धन का जो मानक और उदाहरण उत्तर प्रदेश ने प्रस्तुत किया है उसकी सराहना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित डब्ल्यूएचओ ने भी की है। प्रदेश में लागू नीतियों के परिणामस्वरूप कोविड काल में भी 56 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया। इस दौरान लगभग 40 लाख प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश में आए, जिनको किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं हुई। उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान किए गए। हर जरूरतमन्द को भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड का प्रबन्धन योजनाबद्ध तरीके से करते हुए स्वास्थ्य व चिकित्सा के क्षेत्र में सुविधाओं की वृद्धि की गई। प्रदेश में कोविड के डेढ़ लाख बेड्स उपलब्ध हैं। वेंटीलेटर और आॅक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। टेस्टिंग, टेÑसिंग और ट्रीटमेंट पर फोकस करते हुए कार्य किया गया है। व्यापक पैमाने पर आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट कराए गए हैं। मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। वर्चुअल आईसीयू संचालित किए गए, जिसका बड़े पैमाने पर लाभ कोविड नियंत्रण व उपचार में मिला। मुख्यमंत्री को नेशनल डिफेंस कॉलेज, इंडिया का स्मृति चिन्ह् भेंट किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों को ओडीओपी उत्पाद भेंट किए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।