नई दिल्ली। छह माह से नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में अब बहुजन समाज पार्टी भी आ गई है। किसानों के 26 मई को आंदोलन में बसपा प्रमुख ने समर्थन देने की घोषणा की है। रालोद के नवनियुक्त अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी किसानों के आह्वान का समर्थन करते हुए आंदोलन में किसानों के पहुंचने का आह्वान किया है।
दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर किसान अभी भी डटे हुए हैं। पूरे देश में कोरोना संक्रमण की लहर के बीच किसानों का आंदोलन कुछ मंद पड़ गया था लेकिन जैसे ही देश में कोरोना के नए मामलों में कमी आई है वैसे ही किसानों ने एक बार फिर से हुंकार भर दी है। सोमवार को हिसार में पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव करने के दौरान भी किसानों ने अपने मंसूबों को साफ कर दिया था। किसानों को समर्थन कांग्रेस, राजद,सपा आदि गैर भाजपाई दलों का तो पहले से था लेकिन बसपा के इस मामले में कूदने से किसान आंदोलन को और ताकत मिल सकती है। बसपा की मुखिया मायावती ने मंगलवार को दो ट्वीट किए। मायावती ने कहा है कि 26 मई को होने वाले किसानों के प्रदर्शन को पार्टी का पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर देश के किसान कोरोना के इस अति-विपदाकाल में भी लगातार आंदोलन कर रहा है। इस बड़े आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर पर 26 मई को किसानों के देशव्यापी विरोध दिवस को बहुजन समाज पार्टी का समर्थन है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अब तो इनके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ हम किसानों के साथ खड़े हैं। मायावती ने कहा कि देश के किसानों के प्रति केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का रवैया अभी तक अधिकतर टकराव का ही रहने से उत्पन्न बड़े गतिरोध के कारण खासकर दिल्ली के पड़ोसीे राज्यों में स्थिति काफी तनावपूर्ण है। इसको देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार को इन आंदोलन करने वाले किसानों से वार्ता करके व इनकी समस्या का हल निकालने का प्रयास करना चाहिए। बसपा पीएम नरेंद्र से इसकी अपील बार-बार करती है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि वे हमेशा किसानों के साथ हैं। किसानों के साथ कभी कोई अन्याय नहीं होने देंगे।