नई दिल्ली। एक पौधा है तुलसी जिसे ‘होली बेसिल’ भी कहा जाता है। यह ओर्गेनिक हर्ब सेहत के लिए फायदेमंद गुणों से भरपूर है। यह शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाता है। जड़ से लेकर फूलों और पत्तियों तक, इस पौधे का हर हिस्सा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। और अगर इसे चाय में मिला लिया जाए तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं, साथ ही स्वाद भी खूब लुभाता है।
जड़ी-बूटियों में कई तरह के गुण होते हैं, और कभी कभी आपको ऐसी समस्याओं से बचने के लिए अपने किचन गार्डन से बाहर जाने की ज़रूरत नहीं होती! ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से बरसात के मौसम में आपको तुलसी की चाय का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आइये जानें कैसे –
मानसून के मौसम में हवा में नमी बहुत अधिक बढ़ जाती है, जिससे अक्सर त्वचा और बालों की समस्याएं होने लगती हैं, जैसे बहुत ज़्यादा बाल गिरना, दो-मुंह के बाल, रूसी और त्वचा में इन्फेक्शन। एंटी-ऑक्सीडेन्ट्स के गुणों से भरपूर तुलसी की चाय कोलाजन बनाने में मदद करती है, त्वचा और बालों को सेहतमंद बनाती है। अपने एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इन्फ्लामेटरी गुणों से भरपूर तुलसी की चाय ब्लैकहैड्स, एक्ने, त्वचा के इन्फेक्शन को दूर करने में भी कारगर है।
आर्थ्राइटिस से पीड़ित लोगों को अक्सर मानसून में जोड़ो के दर्द की समस्या बढ़ जाती है। मानसून में नमी बढ़ने और तापमान कम होने के कारण जोड़ों का दर्द बढ़ने लगता है। तुलसी की चाय गठिया, आथ्राइटिस और अन्य इन्फ्लामेटरी समस्याओं को कम करने में मददगार है।
मानसून में सर्दी और बुखार जैसी समस्याएं आसानी से हो जाती हैं। हालांकि तुलसी की चाय आपको आपकी इम्युनिटी बढ़ाकर इन्फेक्शन से बचाती है और आपको स्वस्थ बने रहने में मदद करती है। जिंक, सेलेनियम, कैल्शियम, विटामिन ए और सी, आयरन के गुणों से भरपूर तुलसी की चाय, चाय के आम कप की तुलना में कहीं अधिक फायदेमंद है।
पाचन की समस्याओं से लेकर, भूख में कमी तक बहुत से लोग मानसून के दौरान पाचन की समस्याओं से जूझते हैं। ऐसे में तुलसी की चाय बेहद फायदेमंद हो सकती है। तुलसी यानि होली बेसिल कई गुणों से भरपूर है, जो शरीर से टॉक्सिन्स को दूर कर भूख बढ़ाती है, पाचन में सुधार लाकर स्वास्थ्य को सुरक्षित रखती हैं।
एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटीमायकोटिक, एंटी-वायरल और एंटी-माइक्रोबियल गुणों के चलते तुलसी की चाय बैक्टीरिया, फंगल एवं वायरल इन्फेक्शन से लड़ने में कारगर है। साथ ही इसके सेवन से हानिकर पैथोजन्स के कारण सूजन की संभावना कम होती है। यह श्वसन तंत्र, तंत्रिका तंत्र और उत्सर्जन तंच को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है।