नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान और कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन बौखला गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू कश्मीर के सियासतदानों की बैठक से बौखलाए आतंकी संगठन अब किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक हैं। जम्मू के नरवाल इलाके में पांच किलो आईईडी के साथ दो आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं। आतंकियों के कब्जे से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। आतंकवादियों को समय पर गिरफ्तार कर जम्मू शहर में एक बड़ी आतंकी साजिश को टाल दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार पकड़े गए आतंकी का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से निकले संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट से हैं जिसकी पहचान नदीम उल हक निवासी बनिहाल के रूप में हुई है। जानकारी मिल रही है कि नदीम के साथ उसका एक और साथी भी वहां मौजूद था जिसके पाकिस्तानी के मुलतान के निवासी हाेने की पुलिस नदीम के साथी की तलाश कर रही है। नदीम को एसओजी की टीम ने पुख्ता सूचना के आधार पर पकड़ा है।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान और कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन बौखला गए हैं। इससे पहले भी जम्मू में आतंकी संगठनों ने आइईडी धमाके करवाने का प्रयास किया था लेकिन पुलिस ने उन्हें नाकाम बना दिया। इससे पहले 14 फरवरी को भी जम्मू पुलिस ने अल बदर आतंकी संगठन के आतंकी काे सात किलो आइईडी के साथ पकड़ा था। वह जम्मू में रहकर शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों की रैकी कर रहा था।
टेक्निकल एयरपोर्ट में दो बम धमाकों के बाद जम्मू हाई अलर्ट
कश्मीर में बीते 30 साल से जारी आतंकी हिंसा में रविवार को आतंकियों ने पहली बार टेक्निकल एयरपोर्ट, जम्मू पर हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर, सभी सुरक्षा एजेंसियों के कड़े सुरक्षा बंदोबस्त की पोल खाेल दी है। यह अपनी तरह का पूरे देश में पहला आतंकी हमला है। आज तड़के हुए ड्रोन हमले को लेकर कहा जा रहा है कि एक ही ड्रोन था और उसने दाे बम गिराए। कुछ लोगों के मुताबिक दो ड्रोन थे और चार से पांच धमाके हुए हैं। वायुसेना के मुताबिक, कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, सिर्फ दो सैनिक जख्मी हुए हैं। एक इमारत को क्षति पहुंची है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख में
मालूम हो कि दूसरी और लद्दाख के कई स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के अगले चरण को लेकर चीन से जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को केंद्रशासित प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे। इस दौरान वह लेह में पूर्व सैनिकों से मिले और उऩ्होंने कहा कि हमारी सेना के जवानों, पूर्व सैनिकों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में कितना सम्मान है ये बताने की जरूरत नहीं है। 30-40 वर्षों से वन रैंक, वन पेंशन की समस्या चली आ रही थी। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही वन रैंक, वन पेंशन की मांग को पूरा किया।