चर्चा-ए-आम

कहीं फिर से न लगाना पड़े लॉकडाउन!

आज हमारे देश में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा दो लाख की संख्या पार कर गया। पूरा देश तेजी से बढ़ रहे कोरोना के इस संक्रमण से चिंतित भी है दुखी भी है और डरा हुआ भी। आज के वर्तमान दौर में कोरोना महामारी के दुष्परिणामों से ग्रस्त पूरे विश्व में भारत ने दो लाख का आंकड़ा पार करके पीड़ित देशों की सूची में पहला स्थान ले लिया है। आज भले ही कोरोना के फैलाव की इस तूफानी गति में पूरा देश सहमा हुआ मगर हमारे राजनेता आज भी न डरे हुए लग रहे हैं और न ही लेशमात्र चिंतित नजर आ रहे हैं। आज भी उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। प्रदेश के 18 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में आज हो रहे इन पंचायत चुनावों में लोग सुबह से ही लंबी कतारें लगाकर मतदान केन्द्रों के बाहर खड़े हैं। इनमें से आधों से अधिक केन्द्रों के बाहर खड़े हैं। इनमें से आधों से अधिक मतदाताओं ने मास्क नहीं लगा रखा है और दो गज की भौतिक दूरी तो दूर की बात रही, लोग इन लंबी कतारों में एक दूसरे से चिपक-चिपक कर खड़े हैं। ऐसा तब हो रहा है जब उत्तर प्रदेश आज खुद से कोरोना प्रभावित क्षेत्रों का मुख्य केन्द्र बना हुआ है और जहां का मुख्यमंत्री स्वयं भी कोरोना पीड़ित हो चुका है। ऐसे ही हरिद्वार में चल रहे कुम्भ के मेले में स्थिति काफी भयानक बनी हुई है। यहां लाखों की संख्या में लोग हर रोज गंगा स्नान करने आ रहे हैं और इनमें कई सौ लोग हर रोज ही कोरोना संक्रमण के मरीज पाए जा रहे हैं। हालांकि कुंभ मेले के आयोजकों से यह शासकीय अपील की गई है कि वह इस मेले को निर्धारित अवधि से कुछ समय पहले ही समाप्त कर दे लेकिन प्रदेश सरकार आस्था का नाम लेकर अड़ी हुई और उसका समापन निर्धारित समय आगामी 30 अप्रैल को ही कराना चाहती है। जैसा कि हम पहले भी कह चुके हैं कि पश्चिमी बंगाल में जगह-जगह कोरोना के विस्फोट शुरू हो गए हैं और चुनाव परिणाम आने के बाद यहां एक दम से भयंकर कोरोना विस्फोट होगा। परिणाम अभी से सामने आने शुरू हो गए हैं। हो सकता है कि चुनाव आयोग जल्दी ही सभी दलों से विचार करके चुनावी जनसभाएं, रैलियों पर रोक लगा दे। बेहतर तो यही होगा कि आगे की कोई एक तारीख निश्चित करके शेष बचे चारों चरणों के चुनाव उसी एक दिन करा दिए जाएं और परिणाम एक साथ दो मई को ही सुनाए जाएं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पश्चिम बंगाल के हालात जो पहले से ही बेकाबू हो चुके हैं वह और विकराल रूप लेकर भयावह हो जाएंगे। हमारे देश के देवताओं यानी हमारे राजनेताओं को कोरोना के इस विकट भयानक तूफानी गति वाले प्रकोप पर राष्टÑहित में चिंता करनी चाहिए। वरना जल्द ही पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ लगाने की परिस्थितियां बन जाएंगी और कोरोना पीड़ितों का यह आंकड़ा जल्द ही ढाई लाख को पार करके तीन लाख तक पहुंच जाएगा। स्थिति कैसे काबू में लाई जाए इसको आप बड़ी ही गंभीरता से केन्द्र सरकार को सियासी दृष्किोण से हटकर राष्टÑहित में सोचना होगा।

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