नई दिल्ली। दूध को संपूर्ण आहार कहा जाता है, जो हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है। दूध में कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, पोटैशियम जैसे कई आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारी हड्डियों, मांसपेशियों और दांतों को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए जरूरी हैं। जिन लोगों को दूध नहीं पचता वो सुबह खाली पेट दूध का सेवन नहीं करें। खाली पेट दूध पीने से एसिडिटी की परेशानी हो सकती है। आप चाहें तो सुबह नाश्ता करने के बाद दूध का सेवन कर सकते हैं।
रोज कितना दूध पीना है जरूरी:
हर व्यक्ति की दूध से जुड़ी जरूरत उसकी उम्र पर निर्भर करती है, क्योंकि हर किसी के लिए एक जैसा पैरामीटर सही नहीं है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को रोजाना 1 से 2 गिलास दूध पीना चाहिए। इस उम्र में युवाओं को रोजाना 600 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है।
1 से 3 साल की उम्र के बच्चों को रोजाना 100 से 200 मिलीलीटर दूध पिलाना चाहिए, जिससे उनकी बॉडी को उचित मात्रा में कैल्शियम मिल सके।
चार से 10 साल तक के बच्चों को रोजाना 200 से 300 मिलीलीटर दूध की जरूरत होती है।
जबकि 11 से 18 साल के बच्चों को हर रोज कम से कम 3 कप दूध पीना जरूरी है। दूध पीने से उनका शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है।
18 साल से अधिक उम्र के लोगों को रोजाना 1-2 गिलास दूध पीना जरूरी है।
कुछ लोग दूध पीने से परहेज़ करते हैं, क्योंकि दूध उनको पचता नहीं है। दूध पीने के बाद उन्हें या तो गैस बनने लगती है या फिर दूध का पाचन नहीं हो पाता। दूध सेहत के लिए बेहद उपयोगी है, इसे सही समय पर सही से पीया जाएं तो इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता। अलग-अलग समय पर दूध का पाचन अलग-अलग होता है।
मालूम हो कि जिन लोगों को दूध नहीं पचता वो सुबह खाली पेट दूध का सेवन नहीं करें। खाली पेट दूध पीने से एसिडिटी की परेशानी हो सकती है। आप चाहें तो सुबह नाश्ता करने के बाद दूध का सेवन कर सकते हैं।
रात को दूध पीकर सोने से नींद अच्छी आती है। इसमें ट्रिप्टोफैन नामक एक एमिनो एसिड होता है, जो नींद में सहायक होता है। दूध शरीर को आराम देता है और नींद लाने वाले हार्मोन (मेलाटोनिन) को स्रावित करता है, जिससे नींद अच्छी आती है।
शाम को एक गिलास दूध पीना हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, दूध पीने का सही समय रात में है। बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है।