नई दिल्ली। इजराइल और फलस्तीन के बीच युद्ध थमने की बजाए और बड़ा रूप लेता जा रहा है। इजराइल द्वारा की गई हवाई बमबारी के चलते गाजा में बड़े स्तर पर जान माल की हानि हुई है। इस युद्ध के चलते फलस्तीन में लोगों को मूलभूत चीजों से भी दो चार होना पड़ रहा है। कई दिनों से जारी जंग के चलते हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। सीवेज पाइप लाइन टूट गई हैं। स्कूल-कॉलेज और अस्पताल बंद पड़े हैं। एक मात्र कोरोना टैस्टिंग लैब भी तबाह हो चुकी है। लाखों लोग पीने के पानी के लिए मोहताज हो गए हैं। गाजा में 17 अस्पताल-क्लीनिक क्षतिग्रस्त हैं जिससे 20 लाख लोग मानवीय संकट के दौर में है। यहां 6 लाख छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं और करीब 72 हजार लोग घरों से पलायन कर गए हैं। यहां अब तक 63 बच्चों व 36 महिलाओं समेत 219 फलस्तीनी मारे गए हैं जबकि 12 इजराइली भी हमास के रॉकेट हमलों में मारे जा चुके हैं। लेकिन अब तक युद्धविराम के संकेत नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को हुए इजराली हमले में गाजा का अल-अस्टल परिवार का 40 सदस्यों का घर भी मलबे में तब्दील हो गया है, हालांकि हमले से पांच मिनट पहले मिली सूचना के कारण सभी घर से भागकर बच गए। उधर, इजराइली सेना ने कहा कि उसने बुधवार को खान यूनिस और राफा के शहरों के आसपास हमास के आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 52 विमानों ने 40 भूमिगत लक्ष्यों को निशाना बनाया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन हमलों में एक महिला की मौत हो गई और आठ लोग घायल हो गए। हमास संचालित अल-अक्सा रेडियो ने कहा, गाजा हवाई हमलों में उसका एक पत्रकार मारा गया। शिफा अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बुधवार तड़के पांच शव लाए गए। इनमें दो लोग इमारत पर हुए मिसाइल हमले में मारे गए थे। सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष झांग जू ने कहा कि परिषद में फ्रांस ने इजराइली-गाजा में युद्धविराम के लिए प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है। लेकिन अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र को हिंसा रोकने का आह्वान करने वाला बयान जारी करने से रोक दिया। हालांकि अमेरिका ने युद्धविराम की अपील की है।