- अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से किया जाएगा सुसज्जित
- अयोध्या में हवाई अड्डे के विकास एवं निर्माण के लिए भूमि व्यवस्था के कार्य में तेजी लायी जाए
- प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय के निर्माण में अयोध्या के प्राचीन गौरव व आधुनिकता का हो समावेश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उनके सरकारी आवास पर अयोध्या को विश्व स्तरीय धार्मिक नगरी के रूप में विकसित किए जाने के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके माध्यम से दृष्टिकोण प्रपत्र, कार्यान्वयन रणनीति एवं समेकित अवसंरचना विकास योजना के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या के पुरातन, ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के मददेनजर केन्द्र व राज्य सरकार इसके प्राचीन गौरव के अनुरूप प्रतिष्ठित करने का कार्य कर रही हैं। अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ समस्त आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर इसका सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है।
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या के प्राचीन गौरव तथा सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परम्परा एवं पहचान को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक विकास परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से अयोध्या धाम श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण के बड़े केन्द्र के रूप में उभरेगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यहां सभी आवश्यक सुविधाएं सुलभ होंगी। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के लिए आवश्यकतानुसार भूमि की व्यवस्था सर्व सहमति से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि अयोध्या नगरी के विकास के लिए सभी सम्बन्धित विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए तेजी से कार्यों को पूरा करें। अयोध्या नगरी को वैदिक नगरी के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए सभी सम्बन्धित विभाग अपने-अपने दायित्वों का निर्वाह भलीभांति करें। अयोध्या में हवाई अड्डे के विकास एवं निर्माण के लिए भूमि व्यवस्था के कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या नगरी के विभिन्न मार्गों पर निर्मित किए जाने वाले द्वारों में एकरूपता परिलक्षित होनी चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय के निर्माण में अयोध्या के प्राचीन गौरव के साथ-साथ आधुनिकता का समावेश किया जाए। उन्होंने अयोध्या नगरी में सड़कों के चौड़ीकरण तथा बिजली के तारों की अंडरग्राउंडिंग के कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण अयोध्या नगरी की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुविधाओं का विकास करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए। अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने प्रस्तुतीकरण करते हुए सीएम को अयोध्या के प्रपत्र, लक्ष्य, रणनीतियां एवं परियोजनाओं के विषय में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अयोध्या आस्था क्षेत्र को सनातन परम्परा के अनुसार आध्यात्मिक केन्द्र और सर्वसमावेशी वैश्विक पर्यटन स्थली के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, अयोध्या विकास क्षेत्र को सस्टेनेबल नगर के अनुरूप विकसित किया जाएगा। प्रस्तुतीकरण के दौरान पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी, मंडलायुक्त अयोध्या मडल एमपी अग्रवाल एवं जिलाधिकारी अयोध्या अनुज कुमार झा ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। बैठक के दौरान मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी. वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस.पी गोयल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव परिवहन आर.के. सिंह, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, विशेष सचिव आवास माला श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।