पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की आर्थिक हालत सुधारने के लिए इस बार विश्व बैंक से 442 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है। भारतीय रुपये में कर्ज की यह राशि 32 अरब रुपये से भी ज्यादा बैठती है। पहले से ही हर पाकिस्तानी नागरिक के ऊपर 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज चढ़ा हुआ है। ऐसे में नए-नए कर्ज लेकर इमरान खान पाकिस्तान को डुबोने के राह पर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।
मालूम हो कि इस साल जनवरी से लेकर मार्च तक पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक से करीब 130 अरब रुपये का लोन ले चुका है। मार्च में ही आईएमएफ ने पाकिस्तान को 500 मिलियन डॉलर (36,22,37,00,000 रुपये) का कर्ज देने का ऐलान किया था। जिसके बाद इसी महीने पाकिस्तान और विश्वबैंक के बीच 1.3 बिलियन डॉलर के नए कर्ज पर सहमति बनी थी।
विश्व बैंक ने पाकिस्तान को यह कर्ज पंजाब सूबे में सबसे कमजोर ग्रामीण समुदायों के लिए पानी और स्वच्छता के क्षेत्र में निवेश के लिए दिया है। पाकिस्तान ने कुछ दिनों पहले ही 2021-22 के आर्थिक सर्वे में कोरोना महामारी के कारण देश में गरीबी के हालात में बड़ी वृद्धि की आशंका जताई थी। विश्व बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने पंजाब ग्रामीण सतत जल आपूर्ति और स्वच्छता परियोजना के लिए यह फंड जारी किया है।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने देश की आर्थिक हालत सुधारने के लिए इस बार विश्व बैंक से 442 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है। भारतीय रुपये में कर्ज की यह राशि 32 अरब रुपये से भी ज्यादा बैठती है। पाकिस्तान इन पैसों से पंजाब के ग्रामीण सूबों में पेयजल आपूर्ति, सीवर लाइनों से हर एक घर का कनेक्शन और स्वच्छता के बुनियादी ढांचे में निवेश का काम करने की बात कही है।
मालूम हो कि पाकिस्तान की संसद में इमरान खान सरकार ने कबूल किया था कि अब हर पाकिस्तानी के ऊपर 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है। इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये है, जो कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी हिस्सा है। कर्ज का यह बोझ पाकिस्तानियों के ऊपर पिछले दो साल में बढ़ा है। यानी जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी तब देश के हर नागरिक के ऊपर 120099 रुपये का कर्ज था। ऐसे में एक और कर्ज पाकिस्तान सरकार के लिए कहां तक उचित है ये तो वक्त हीं बताएगा ।