नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सीबीएसई की बारहवीं व सीआईसीएसई की आईएससी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर याचिका पर सुनवाई है। सीबीएसई की ओर से एडवोकेट जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष सीबीएसई 12वी कक्षा के परिणाम को लेकर मूल्यांकन नीति प्रस्तुत किया। 12वीं के परिणाम भी 31 जुलाई तक घोषित करने की बात कही। उन्होंने बेंच को बताया कि 12वीं के मूल्यांकन के लिए स्टूडेंट्स के कक्षा 10, कक्षा 11 और कक्षा 12 इंटर्नल एग्जाम और प्रैक्टिकल के अंक जोड़े जाएंगे। इसमें से 10वीं और 11वीं के अंकों को 30-30-40 के फार्मूले को लागू किया जाएगा। सीबीएसई द्वारा निर्धारित ईवैल्यूएशन क्राइटेरिया में पिछली कक्षाओं के बेस्ट 3 सब्जेक्ट्स के मार्क्स को ही मूल्यांकन में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही, एडवोकेट जनरल ने खण्डपीठ को बताया कि सीबीएसई 12वीं के रिजल्ट 31 जुलाई 2021 तक घोषित कर दिया जाएगा। सीबीएसई द्वारा कक्षा 12 के इन नतीजों को जारी ईवैल्यूएशन क्राइटेरिया के आधार पर ही तैयारी किया जाएगा। जिसमें पिछली और वर्तमान कक्षाओं के इंटर्नल एसेसमेंट्स के अंक शामिल होंगे। गौरतलब है कि सीबीएसई ने पहले ही स्कूलों को 28 जून तक लंबित इंटर्नल एग्जाम और प्रैक्टिकल को आयोजित करते हुए मार्क्स को सीबीएसई पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिये गये थे। दूसरी तरफ, सीआईएससीई के अधिवक्ता द्वारा आईएससी के ईवैल्यूएशन के लिए सीबीएसई से थोड़ा अलग स्कीम प्रस्तुत की गई। सीआईएससीई की तरफ से कहा गया कि 3 की बजाए 6 कक्षाओं को आधार बनाने पर विचार किया जा रहा है। मूल्यांकन क्राइटेरिया सीबीएसई के लगभग समान ही होगा। हालांकि, खण्डपीठ से सीआईएससीई के अधिवक्ता द्वारा कुछ और समय की मांग की गयी। इसके बाद मामले की सुनवाई सोमवार 21 जून 2021 तक के लिए टाल दी गयी।