गाजियाबाद। दिल्ली में संपूर्ण लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पलायन होने से जिले की प्रशासनिक मशीनरी के सामने फिर से पिछले साल वाला दृश्य सामने आ गया। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय, एसएसपी समेत तमाम अधिकारी व्यवस्था बनाने में जुट गए। प्रशासन ने दावा किया है कि 1537 बसों से 76 हजार 850 लोगों को उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया। चूंकि यह आंकड़ा जिलाधिकारी के माध्यम से मीडिया को भेजा गया है तो ठीक ही होगा। सात घंटे के भीतर 76 हजार लोगों को अपने गाजियाबाद जिले की सीमा से बाहर भेजने का दावा प्रशासन ने किया है। डीएम व एसएसपी कल दिन के अलावा रात में भी उस-उस स्थान का दौरा करते रहे जहां-जहां से भीड़ उमड़ने की सूचनाएं मिल रही थीं। जिलाधिकारी ने प्रेस नोट में बताया है कि गाजियाबाद जिला दिल्ली राज्य का सीमावर्ती जनपद है इसलिए गाजियाबाद के बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों प अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी भीड़ एकत्र हो रही है। यह भीड़ दिल्ली से बिना कोरोना प्रोटोकल का पालन किए हुए गाजियाबाद की सीमा में प्रवेश कर रही है। जब उनसे कोरोना प्रोटोकोल के बारे में पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि अचानक घर छोड़ने की वजह से अफरातफरी में मास्क व सैनेटाइजर साथ ले जाना भूल गए। उधर, अचानक आई इस भीड़ से स्थानीय लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जिला प्रशासन की ओर से प्रवासी श्रमिकों के लिए सहायक संभागीय परिवहन विभाग से 350 लोकल बसें लगाकर 17 हजार पांच सौ लोगों को उनके गन्तव्य को रवाना किया। इसी प्रकार रोडवेज की 1187 बसें लगाकर 59 हजार 350 लोगों को भेजा गया। सोमवार से लेकर मंगलवार को कुल 1537 बसों से 76 हजार 850 लोगों को उनके स्थानों के लिए रवाना किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को मास्क भी वितरित किए गए व नगर निगम द्वारा कौशांबी बस अड्डे को सैनेटाइज भी कराया गया।