गाजियाबाद। कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने एवं समय से उपचार करने के लिए जिला प्रशासन ने जनपद के सभी प्राईवेट अस्पताल प्रबन्धकों को निर्देश दिये हैं कि सभी अस्पताल अपने यहां कम से कम 10-10 पीकू व नीकू बैड्स बच्चों के लिए आरक्षित रखें। सरकारी क्षेत्र में महिला जिला चिकित्सालय एवं संतोष मेडिकल हॉस्पिटल को चुना गया। इसी कड़ी में संतोष मेडिकल हॉस्पिटल में पीआईसीयू पीकू और एनआईसीयू नीकू की सुविधा शुरू हो गयी। पीआईसीयू लेवल-4 में 10 बैड्स उपलब्ध हैं। यह सभी बैड सेन्ट्रल आॅक्सीजन, सैन्ट्रल सक्शन और वैंटिलेशन के लिए कंप्रेस्ड एयर प्वाइंट से लैस हंै। यहां एनआईवी मोड के साथ 8 बाल चिकित्सा क्रियाशील वैंटिलेटर्स, पर्याप्त संख्या में पुनर्जीवन उपकरण, इन्फ्यूजन पम्पस, धमनी रेखाएं, आॅक्सीजन वितरण प्रणाली, पोर्टेबल एक्सरे, अल्ट्रासाऊण्ड और ईसीएचओ है। अस्पताल में पीकूद्ध वार्ड में सदमें, श्वांस विफलताएं, सामान्य बाल चिकित्सा आपात स्थिति, सामान्य बाल चिकित्सा प्रक्रियाओं और बाल चिकित्सा सर्जरी से गुजरने वाले रोगियों की पोस्ट आॅपरेटिव गहन देखभाल के मामलों से निपटने के लिए सुसज्जित है।
इसी प्रकार एनआईसीयू लेबल-3 वार्ड में 10 बैड्स उपलब्ध है। वार्ड में 10 बिस्तर सेन्ट्रल आॅक्सीजन तथा वार्मर युक्त है। यह वार्ड बाल चिकित्सा सर्जरी से गुजरने वाले रोगियों की पोस्ट आॅपरेटिव गहन देखभाल जैसे मामलों से निपटने के लिए तैयार है। यहां नवजात बच्चों के लिए 4 वैंटिलेटर्स और 2 बबल मशीनें उपलब्ध हंै। इस वार्ड में फोटेथेरिपी, एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन, पोर्टेबल सीएसजी पूर्ण पुनर्जीवन उपकरण, आॅक्सीजन वितरण प्रणाली, धमनी रेखाएं, नाभि शिरापरक कैथीटेराईजेशन और सर्फेक्टेंट थेरेपी के लिए सुविधाओं से लैस है। इस वार्ड में 30 सप्ताह से अधिक की गर्भकालीन आयु वाले शिशुओं और 1 कि.ग्राम से अधिक वजन वाले नवजात शिशुओं को पूरा करने की सुविधा है। नवजात शिशुओं और बच्चों के कुशल प्रबंधन के लिए अस्पताल को 24 घंटे प्रयोगशाला फार्मेसी और ब्लड बैंक इत्यादि सेवाओं की सुविधा है।
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने इसका निरीक्षण किया।
उधर, जून के तीसरे सप्ताह में चाईल्ड डेडिकेटिड राम सरन गर्ग इंडोजर्मन अस्पताल शुरू हो जाएगा। इस अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए 60 बैड्स, एक वैंटिलेटर तथा आईसीयू वार्ड जैसी सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। जल्द ही यहां आक्सीजन प्लांट भी बनाया जायेगा। यह अस्पताल जनपद का पहला बच्चों के लिए समर्पित अस्पताल होगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने इस अस्पताल को अधिग्रहण करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय से सुनिश्चित कराने, अस्पताल में एनीथीसिया के डाक्टर उपलब्ध कराने, प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ तैनात करने तथा अस्पताल में मुख्य रूप से बच्चों में सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाली सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने इत्यादि समस्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने के लिए एक मेडिकल टीम का गठन किया है। इस समिति के मुख्य संरक्षक जिलाधिकारी स्वयं है।