गाजियाबाद। कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान बंद रहे व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बिजली माफ करने की मांग को लेकर राष्टÑीय व्यापार मंडल ने पावर कारपोरेशन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कोरोना महामारी के दौरान व्यापारियों के हुए नुकसान के बारे में अवगत कराया गया। हालांकि कोरोना के चलते हर वर्ग के ऊपर भयंकर आर्थिक मार पड़ी है। खासतौर से दुकानदारों और व्यापारी वर्ग पर जो कि विकट स्थिति में पहुंच गए हैं जहाँ एक तरफ लगभग दो महीनों से दुकानें बंद पड़ी है और वहीं दूसरी ओर विद्युत विभाग द्वारा बंद दुकानों के बिजली के बिल भेजना अनुचित और अमानवीय प्रतीत होता है। अधिकांश दुकानदारों का यह कहना है कि एक तरफ तो कोरोना काल में कामधंधे बंद हो गए है, रोजीरोटी के लाले पड़े हुए है तो वही दूसरी ओर सरकार बिजली के बिल भेजकर और संकट बढ़ाया जा रहा है। आर्थिक संकट में मध्यम वर्ग के ऊपर अस्तित्व बचाने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में जहां एक तरफ सरकार को इस समय व्यापारी वर्ग को राहत देनी चाहिए लेकिन यहां तो बिजली के बिल भेजना अपने आपमें अत्याचार समान ही है। जहां एक तरफ दुकानदारों ने बिजली का उपयोग भी नहीं किया है लेकिन सरकार की ओर से बिजली के बिल भेज दिए गए हैं, जिन्हें भरने में इन दिनों असमर्थ हो गए हैं। दुकानदारों ने राष्ट्रीय व्यापार मंडल के माध्यम से बिजली विभाग से मांग की है कि लॉकडाउन की अवधि के बिल माफ किये जाएं। इसी संदर्भ में राष्ट्रीय व्यापार मंडल ने निवेदन किया है कि आप अपने क्षेत्र के व्यापारी वर्ग की समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए इस वर्ग विशेष की समस्याओं का निवारण करेंगे। इस अवसर पर बालकिशन गुप्ता, अशोक भारीतय, प्रदीप चौधरी, प्रवीण भाटी, विकास चुग, संजय गोयल, डॉक्टर सोनिका, राजेश शर्मा, दीपक शर्मा, कमल शर्मा,वीरेंद्र कंडेरे आदि मौजूद रहे।