लखनऊ। राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से समस्त नगरीय स्थानीय निकायों के महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षदों से संवाद किया। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने बरेली के महापौर डॉ. उमेश गौतम, कानपुर की महापौर प्रमिला पाण्डेय, मिर्जापुर की नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष मनोज जायसवाल, देवरिया की नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष अलका सिंह, नगर पंचायत बड़ागांव झांसी के अध्यक्ष दयाराम कुशवाहा से संवाद किया। राज्यपाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि समस्त नगरीय स्थानीय निकायों के महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल, सीवेज, सड़क, जल-निकासी आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के मददेनजर केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाए। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और सभी नगरीय निकायों में एसटीपी प्लांट प्राथमिकता पर स्थापित करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में जल-भराव की समस्याएं होती है, इसलिए सीवेज व्यवस्था को वैज्ञानिक आधार पर क्रियान्वित किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि सभी सीएचसी, पीएचसी, आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालयों में नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद कोरोना प्रबन्धन एवं नियंत्रण कार्यों के लिए नियमित मार्गदर्शन प्रदान करते रहे। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों ने प्रदेश में अच्छा कार्य किया है। तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया जाए। सम्भावित तीसरी लहर के बारे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह बच्चों को प्रभावित करेगी। इसलिए जरूरी है कि महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षद माताओं का सम्मेलन करें और माताओं को इस सम्बन्ध में जागरूक करें। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की सहायता हेतु राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना संचालित की जा रही है। महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षद इन बच्चों से नियमित रूप से मिलें, जिससे उन्हें अपनेपन का अहसास हो। मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में जिस प्रतिबद्धता के साथ आप सभी ने कोरोना के खिलाफ देश एवं प्रदेश की लड़ाई को मजबूती से लड़ने में अपना योगदान दिया है, वह अत्यन्त सराहनीय है। 17 नगर निगम, 700 से अधिक अन्य नगरीय निकाय और 12 हजार से अधिक पार्षदों को आज राज्यपाल का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब कोविड पॉजिटिव के मात्र 1,268 केस आए हैं। वर्तमान में कोविड के एक्टिव केस की कुल संख्या 25,546 है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सामूहिक प्रयासों का यह परिणाम रहा है कि इस महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में सफलता मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि थर्ड वेव की आशंका व्यक्त की जा रही है और अब बरसात का मौसम भी आ रहा है। ऐसे में हमें कोविड के साथ-साथ विषाणु-जनित, जल-जनित बीमारियों के संक्रमण को भी रोकने के लिए अभी से प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि संक्रामक बीमारियों को रोकने में स्वच्छता व सैनिटाइजेशन का विशेष महत्व है। प्रत्येक नगरीय निकाय में स्वच्छता व सैनिटाइजेशन के साथ-साथ सप्ताह में कम से कम दो से तीन दिन फॉगिंग का कार्य भी किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकाय प्रतिदिन साफ-सफाई के साथ कूड़े का उचित निस्तारण भी सुनिश्चित कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के माध्यम से कूड़ा निस्तारण किया जा रहा है। सभी महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षद प्राथमिकता के आधार पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के सम्बन्ध में कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्लास्टिक व थर्माकोल को प्रतिबन्धित किया गया है। सभी महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों में इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगमों व अन्य नगरीय निकायों के स्तर पर मोहल्ला निगरानी समितियां गठित की गई हैं। कोरोना कालखण्ड में इन समितियों ने काफी अच्छा कार्य किया। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा व्यक्ति, जो शव का अन्तिम संस्कार करने में अक्षम है, उसे 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है। ऐसे में सभी पार्षद ऐसे लोगों की मदद करें।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के 10 नगरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना के तहत कराए जा रहे विकास कार्यों में और तेजी लायी जाए। स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) विकसित करने की आवश्यकता है। सभी नगरीय निकाय अपने स्तर पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना करें। यह ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने और सुरक्षा प्रदान करने में योगदान करेगा। अमृत योजना के अन्तर्गत चयनित शहरों में भी सभी निर्माण कार्य तेजी से पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराए जाएं। उन्होंने महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षदों से अपेक्षा की कि वे अपने क्षेत्र के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, वित्तीय प्रतिष्ठानों-बैंक व डाकघर इत्यादि को सीसीटीवी व्यवस्था से जोड़ते हुए उनकी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कराएं।
उन्होंने सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों से अपील की कि अपने क्षेत्र में संचालित सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से एक-एक को गोद लें और वहां नियमित विजिट करते हुए सभी स्वास्थ्य एवं आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित कराएं। निराश्रित गोवंश सड़क पर न घूमें, उनके लिए गो-आश्रय स्थलों में साफ-सफाई, उपचार व चारे की व्यवस्था तथा सर्दी-बारिश आदि से बचाव की सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। कार्यक्रम को नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर आदि मौजूद रहे।