गाजियाबाद। कोरोना से बचकर रहें। जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। घर से निकलें तो मास्क लगाएं। सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की सफाई का ध्यान रखें। लेकिन इतनी सारी सावधानी रखने के बाद भी कोविड हो जाए तो फिर डरें नहीं। क्योंकि उस स्थिति में आपको सबसे ज्यादा हौसले की ही जरूरत होती है। 85 प्रतिशत लोगों को पॉजिटिव होने के बाद भी किसी दवा की जरूरत नहीं पड़ती। केवल न्यूट्रीशियन यानि खाना-पान के साथ विटामिन सी और जिंक लेने भर से काम चल जाता है। 10 फीसदी कोविड पॉजिटिव लोगों को ही दवा की जरूरत होती है और मात्र पांच फीसदी को आईसीयू की जरूरत होती है। यह बातें आईएमए गाजियाबाद के पूर्व अध्यक्ष और इंटरमेडिसिन विशेषज्ञ डा. वीबी जिंदल ने कहीं। डा. जिंदल ने कहा कि पैनिक होने की कतई जरूरत नहीं है। अपना और अपनों का ध्यान रखें। खुश रहने का प्रयास करें। कई बार लोग आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर परेशान हो जाते हैं। उन्हें परेशान नहीं होना है। यदि कोई लक्षण नहीं हैं तो दवा की भी जरूरत नहीं है और अधिकतर लोग ऐसे ही हैं। आरटी-पीसीआर पॉजिटिव आने के बाद सबसे पहले और सबसे जरूरी एक ही काम है, आइसोलेशन। क्योंकि पॉजिटिव होने के बाद सबसे बड़ा खतरा इस बात का है कि आप अपनों को संक्रमित कर सकते हैं। यदि हल्का बुखार है तो बुखार की दवा लेकर आराम करें। ज्यादा जांचें कराने के लिए भागदौड़ न करें। उससे आपके बहुत अजीज भी खतरे में आ जाते हैं। डा. जिंदल बताते हैं कि आॅक्सीमीटर लेने की भी सबको जरूरत नहीं होती। केवल 15 मिनट तक टहलकर देख लें, यदि आपको कोई दिक्कत नहीं होती तो किसी और जांच की जरूरत नहीं है, यहां तक आॅक्सीजन लेबल चेक करने की भी नहीं। और यदि आपको टहलने के बाद सांस लेने में कोई दिक्कत महसूस तो आॅक्सीजन लेबल चेक करें। आॅक्सीजन लेबल 94 से कम होने पर डाक्टर से संपर्क करें। छह मिनट तेज टहलने के बाद यदि आॅक्सीजन लेबल 10 पाइंट से अधिक कम हो जाए तो ही आपको चिकित्सक से संपर्क करने की जरूरत होती है। शुरूआती लक्षण आने से 14 दिन तक आइसोलेशन में रहें और यदि कोई लक्षण न हो तो फिर से आरटी-पीसीआर की फिर से जरूरत नहीं है।