नई दिल्ली। बंगाल की राजनीति में एक के बाद एक नई चीजें सामने आ रही हैं। चुनाव के दौरान बंगाल में खूब खेला हुआ। चुनाव के बाद बंगाल में तूफान को लेकर जायजा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मंत्री ममता बनर्जी के न पहुंचने को लेकर वरिष्ठ आईएएस व बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली तलब कर लिए जाने का मु ददा छाया रहा। अब कोरोना का टीका लगाने के बाद कोविन एप से मिलने वाले सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो पर रार छिड़ गई है। इसको लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फैसला लिया है। ममता सरकार का कहना है कि तीसरे चरण के वैक्सीनेशन में 18-44 साल के लोगों को वैक्सीन लगने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की फोटो वाले सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में टीमसी ने वैक्सीनेशन के बाद सर्टिफिकेट में पीएम मोदी की तस्वीर को आचार संहिता का उल्लंघन बताया था। उधर ममता बनर्जी के इस फैसले को लेकर भाजपा ने आपत्ति जताई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और बंगाल राज्य के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य का कहना है कि टीएमसी प्रधानमंत्री पद की गरिमा को स्वीकार नहीं कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि टीएमसी एक अलग निर्भर देश की तरह व्यवहार कर रही हैं। हालांकि ममता बनर्जी पहले कई बार ये मांग कर चुकी हैं कि सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगई जाए। उन्होंने सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर की आलोचना की।