नई दिल्ली। भगवान शिव के प्रिय मास श्रावण या सावन का प्रारंभ आज से है। पावन श्रावण मास में भगवान शिव और उनके परिवार की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही फलदायी होता है, इसलिए सावन में लोग रुद्राभिषेक कराते हैं। सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उत्तम माह माना जाता है। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस वर्ष श्रावण मास का प्रारंभ कब से हो रहा है? सावन सोमवार व्रत और मंगला गौरी व्रत कब कब हैं? भगवान शिव के प्रिय महीने सावन की शुरूआत कल, 25 जुलाई से हो रही है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन का पावन महीना विशेष रूप से भगवान शिव के पूजन को समर्पित है। शिव भक्त इस माह में तरह-तरह से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा या शिवालयों में रूद्राभिषेक कराना संभव नहीं है। इसलिए हम आपको भगवान शिव की कृपा पाने का सबसे आसान उपाय बता रहे हैं।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास का प्रारंभ आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के समापन के साथ होता है। सावन माह हिन्दू कैलेंडर का 5वां माह होता है। इस वर्ष सावन माह 25 जुलाई दिन रविवार को प्रारंभ हो रहा है। इसका समापन 22 अगस्त दिन रविवार को होगा। सावन के महीने में नियमित रूप से शिव चालीसा का पाठ कर, भगवान शिव की आरती करें। ऐसा करने से आपको शिव जी की अनन्य कृपा की प्राप्ति होगी और भोलेनाथ आपके सारे कष्ट और संकट हर लेंगे।
सावन माह में हर दिन पावन माना जाता है लेकिन सोमवार का दिन विशेष होता है। सावन सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस वार सावन में 04 सोमवार व्रत पड़ रहे हैं। पहला सावन सोमवार व्रत 26 जुलाई को, दूसरा सावन सोमवार व्रत 02 अगस्त को, तीसरा सावन सोमवार व्रत 09 अगस्त को और चौथा सावन सोमवार व्रत 16 अगस्त को है।
सावन मंगला गौरी व्रत 2021
पहला मंगला गौरी व्रत: 27 जुलाई
दूसरा मंगला गौरी व्रत: 03 अगस्त
तीसरा मंगला गौरी व्रत: 10 अगस्त
चौथा मंगला गौरी व्रत: 17 अगस्त