गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में अस्थमा में होम्योपैथी कारगर विषय पर गोष्ठी का आयोजन आॅनलाइन जूम पर किया गया। होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. प्रमोद पाल ने कहा कि अस्थमा में लापरवाही करने से यह जानलेवा भी हो सकता है। ये विभिन्न प्रकार की एलर्जी से होता है। सभी के लिए अलग- अलग कारण हो सकते हंै और प्रत्येक व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार उपचार भी उसी के अनुसार होता है। उन्होंने कहा कि अस्थमा बहुत से लोगों के लिए एक जीवन-परिवर्तन की बीमारी हो सकती है क्योंकि यह कार्यालय या स्कूल में आने-जाने, व्यायाम, खेल-कूद, खाना पकाने और घर के कामों और सामाजिक कार्यों जैसी सामान्य दैनिक गतिविधियों में रूकावट या समस्याएं पैदा कर सकती है। दमा का आघात जानलेवा भी हो सकता है। बच्चों में यह स्कूल में अनुपस्थित रहने का एक मुख्य कारण है। यह एक मनोदैहिक विकार है। होम्योपैथी में अस्थमा के इलाज के लिए आपको इसके मूल कारण का इलाज करना होता है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी होम्योपैथी दवाइयां उपलब्ध हैं जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में सहायक हैं। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने विदेशों में रहकर भारत की आजादी की अलख जगाई। यह महर्षि दयानंद के अनुयायी थे और इंडियन होम रूल सोसायटी की स्थापना की। उन्होंने वैदिक धर्म के प्रचार में देश विदेश में अनेकों ओजस्वी भाषण दिए। मुख्य अतिथि आर्य नेता अजय तनेजा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज मे जागरूकता आती है। कार्यक्रम अध्यक्ष केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि योग अस्थमा या दमा को ठीक करने में सहायक है। सांस लेने और योग में आपस में गहरा संबंध है।इसलिए यदि सांस लेने से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो प्राणायाम उसके उपचार में सहायक है। सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल यश ने कहा कि आर्य समाज सदैव समाज सेवा के कार्यों में अग्रणी रहा है। गायिका जनक अरोड़ा, मृदुला अग्रवाल, सुलोचना देवी, आशा आर्या, वेदिका आर्या, रविन्द्र गुप्ता, कुसुम भंडारी, प्रवीना ठक्कर, अशोक गोग्लानी, रमा नागपाल आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आचार्य महेन्द्र भाई, सौरभ गुप्ता, आनन्द प्रकाश आर्य, डॉ. रचना चावला, विजय हंस,अतुल सहगल, ललित बजाज, वेदप्रकाश आर्य आदि उपस्थित थे।