काबुल। अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान के आतंकियों को शहरों पर हमला करने से रोकने के लिए शनिवार को लगभग पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है। राजधानी काबुल और दो अन्य प्रांतों के अलावा रात 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच किसी भी तरह की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी। एक आकलन के अनुसार, कुछ अमेरिकी खुफिया विश्लेषकों को डर है कि तालिबान छह महीने के भीतर देश पर नियंत्रण कर सकता है।
तालिबानी लड़ाके अभी तक किसी भी बड़े शहर पर कब्जा नहीं कर पाए हैं। हिंसा को रोकने और तालिबान की गतिविधियों को सीमित करने के लिए 31 प्रांतों में एक रात का कर्फ्यू लगाया गया है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सैनिकों के देश से वापस जाने की घोषणा के बाद से तालिबान और अफगान सरकारी बलों के बीच पिछले दो महीनों में लड़ाई तेज हो गई है।
माना जा रहा है कि आतंकवादी समूह ने देश के कई हिस्सों पर अपना कब्जा जमा लिया है। अमेरिका सेना की वापसी के बीच तालिबान ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ा है और प्रमुख सड़कों पर कब्जा जमा लिया है। तालिबान एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसे लगभग 20 साल पहले अमेरिका ने सत्ता से बाहर कर दिया था।
अमेरिका के नेतृत्व वाली सेनाओं ने अक्टूबर 2001 में अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता से बेदखल कर दिया था। तालिबान पर अमेरिका में हुए हमलों के आरोपी ओसामा बिन लादेन और अन्य अल-कायदा के आतंकियों को शरण देने का आरोप था। इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी सैनिकों ने बगराम हवाई क्षेत्र को खाली कर दिया, जो अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियानों का बड़ा केंद्र था।
जैसे-जैसे तालिबान आगे बढ़ रहा है, कंधार शहर के बाहरी इलाके में सुरक्षाबलों के साथ भीषण झड़पें हो रही हैं। इसके जवाब में अमेरिका ने गुरुवार को इलाके में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ हवाई हमले किए। हालांकि अफगानिस्तान में अमेरिकी ऑपरेशन आधिकारिक तौर पर 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा।