- हर माह की 15 तारीख को सभी चिकित्सा इकाइयों पर मनाया जाएगा निक्षय दिवस
- आशा घर-घर जाकर करेंगी स्क्रीनिंग, लक्षण मिलने पर उनकी टीबी की जांच कराएंगी
गाजियाबाद। क्षय रोगियों की जल्दी पहचान, गुणवत्तापूर्ण उपचार और राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम समेत तमाम सरकारी योजनाओं की जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस मनाया जाएगा। निक्षय दिवस का आयोजन सभी चिकित्सा इकाइयों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर किया जाएगा। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करना है। इसी उद्देश्य के साथ तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश को भारत सरकार की ओर से 5.5 लाख क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन का लक्ष्य दिया गया है। इसी क्रम में हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस मनाने के निर्देश दिए गए हैं। निक्षय दिवस पर क्षय रोगियों की जल्दी पहचान, गुणवत्तापूर्ण उपचार और क्षय रोगियों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता के प्रयास किए जाएंगे। 15 तारीख को सार्वजनिक अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्य दिवस पर यह आयोजन होगा।
सीएमओ ने बताया कि जूम मीटिंग के जरिए निक्षय दिवस के बारे में विस्तार से बताया गया। निक्षय दिवस से पहले आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करेंगी और टीबी से मिलते – जुलते के लक्षण वालों को नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लेकर स्पुटम (बलगम का नमूना) कलेक्ट कराएंगी, जहां से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) स्पुटम को जांच के लिए नजदीकी टीबी केंद्र पर भेजेंगे और रिपोर्ट के बारे में संबंधित को जानकारी उपलब्ध कराएंगे। पूरी प्रक्रिया के लिए आशा और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का संवेदीकरण किया जा रहा है।
डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि निक्षय दिवस के मौके पर ओपीडी में आने वाले रोगियों की भी टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी और मिलते – जुलते लक्षण वाले कम से कम 10 प्रतिशत रोगियों की टीबी जांच कराई जाएगी। सीएमओ ने कहा – दो सप्ताह से अधिक खांसी, वजन कम होना, बुखार रहना, खांसते समय बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, सीने में दर्द रहना आदि टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई लक्षण आने पर टीबी की जांच अवश्य करनी है। स्वास्थ्य विभाग में टीबी की जांच और उपचार का प्रावधान है। सभी को इसका लाभ लेना चाहिए।