लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर बरेली एवं देवीपाटन मंडल के सांसदों एवं विधायकों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जनपद बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर से आए सांसदों व विधायकों से उनके क्षेत्र की विकास योजनाओं की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। शीतलहर के बीच आम जनमानस के साथ-साथ खेती-किसानी और गोवंश आदि की सुरक्षा के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में पूछा और आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने नवीन विकास कार्यों के बारे में क्षेत्रीय जनाकांक्षाओं से अवगत कराया और इस सम्बन्ध में अपने प्रस्ताव दिए। मुख्यमंत्री ने सांसदों और विधायकों के इन प्रस्तावों पर तत्काल कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म मंत्र को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश समृद्धि के नए सोपान चढ़ रहा है। बेहतर कानून-व्यवस्था तथा नीतिगत सुधारों के माध्यम से आज देश-दुनिया में निवेश का श्रेष्ठतम गंतव्य स्थल बनकर उभरा है। बरेली मंडल का हर जनपद औद्योगिक विकास की अपार संभावनाओं से युक्त है। जनपद बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर में बहुत पोटेंशियल है। देवीपाटन मंडल के हर जनपद में पर्याप्त लैंडबैंक है। ईको पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र के ब्राण्ड एम्बेसडर हैं। इन खूबियों से देश-दुनिया को परिचय कराने के लिए आपको ठोस प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 से 12 फरवरी को यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है। 16 राष्ट्रों में हुए रोड शो से 7 लाख 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है। विदेश में रोड शो की सफलता के बाद अब देश के प्रमुख महानगरों में उद्योग जगत को आमंत्रित करने हेतु रोड शो का आयोजन हो रहा है। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है। व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में अंत्येष्टि स्थलों का विकास आवश्यक है। इसी प्रकार कस्बों में बस स्टेशनों के जीर्णाेद्धार की भी जरूरत है। जनप्रतिनिधियों को इन कार्यों में सहयोग करना चाहिए। स्थानीय सांसद व विधायक भूमि की उपलब्धता कराएं। शासन को प्रस्ताव दें। प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा। राज्य सरकार की नीतियों के मूल में लोगों के लिए सुविधा, सुरक्षा और समृद्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में गोंडा की पहचान देश के सबसे गंदे नगर के रूप में थी। जनसहयोग से बीते साढ़े पांच-छह वर्षों में इस स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। इसे और बेहतर करना होगा। जनप्रतिनिधि पहल करें, लोगों को स्वच्छता की मुहिम से जोड़ें। तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करें। आज सोशल मीडिया, संवाद का बेहतरीन माध्यम बन कर उभरा है। सभी सांसद व विधायकगण को इस मंच का उपयोग करना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं, औद्योगिक नीतियों, रोजगारपरक कार्यक्रमों के बारे में सकारात्मक भाव से सोशल मीडिया मंच पर अपनी राय रखनी चाहिए। जनता से सम्पर्क व संवाद बनाने में यह मंच अत्यंत उपयोगी है।