- कार्यक्रम की स्थिति के मुताबिक तय होगी जिले की श्रेणी
- मानकों के मुताबिक स्वर्ण, रजत और कांस्य श्रेणी मिलेगी
हापुड़। जनपद में क्षय रोग रोग उन्मूलन कार्यक्रम की स्थिति परखने के लिए सब नेशनल सर्टिफिकेशन (एसएनसी) सर्वे किया जा रहा है। सर्वे में चारों ब्लॉक से 10 गांवों को शामिल किया गया है। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया कि 20 दिवसीय इस सर्वे की समीक्षा के लिए सेंट्रल टीबी डिवीजन के निर्देशन में तीन सदस्यीय टीम पहुंची है और सर्वे वाले गांवों में जाकर सर्वे की समीक्षा के साथ ही यह भी देख रही है कि क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में लोग कितने जागरूक हैं, दरअसल क्षय रोग उन्मूलन का जागरूकता से सीधा संबंध है। लोग जागरूक होंगे तो विभाग को क्षय रोगियों की पहचान करने और जल्दी उनका उपचार शुरू करने में सहूलियत होगी। कम समय में अधिक रोगियों की पहचान होने से ही जनपद क्षय रोग मुक्त हो पाएगा और वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना साकार हो सकेगा।
डीटीओ डा. सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए विभाग तमाम कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। एसएनसी सर्वे के जरिए अलग-अलग जनपदों में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की ?वस्तुस्थिति को इंगित करने का भी यही उद्देश्य है। जिलों में क्षय उन्मूलन के संकेतकों (इंडीकेटर्स) की स्थिति के मुताबिक गोल्ड, रजत और कांस्य श्रेणी घोषित करते हुए विश्व क्षय रोग दिवस पर 24 मार्च को सम्मानित किया जाएगा। इससे एक प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार होगा। किसी भी जिले में क्षय उन्मूलन के संकेतक जितनी अच्छी स्थिति में होगा, क्षय रोग के संक्रमण की चेन तोड़ना उतना ही आसान हो जाएगा। जिले में टीबी पर होने वाली गतिविधियों और उनके नतीजों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। क्षय उन्मूलन के संकेतकों (इंडीकेटर) पर खरे उतरने वाले जिलों को स्वर्ण (गोल्ड), रजत और कांस्य की श्रेणी में स्थान दिया जाएगा।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया कि जनपद में पांच जनवरी से शुरू हुआ सर्वेक्षण 25 जनवरी तक चलेगा। एसएनसी सर्वे वाले दस गांवों में होशदारपुर गढ़ी, सराबा, हापुड़ की आदर्श नगर कालोनी, लिसड़ी, राजपुर, अटूटा, बझैड़ा, डहाना, सेहल और अल्लाबख्शपुर शामिल हैं। इन गांवों में स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में वालंटियर्स सर्वे कर रहे हैं। सेंट्रल टीबी डिवीजन के निर्देशन में पहुंची टीम टीबी जांच की सुविधा, मरीजों के नोटिफिकेशन (सरकारी/प्राइवेट), टीबी मरीजों की एचआईवी जांच, निक्षय पोषण योजना के तहत भुगतान की स्थिति, ड्रग सेल और मरीजों की संख्या में आ रही कमी की दर को देख रही है।