गाजियाबाद। डीपीएस इंदिरापुरम ने आजादी के अमृत महोत्सव समारोह के एक सत्र में ‘आदिवासी सशक्तिकरण’ पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। सभा में भारत की आदिवासी विरासत का सम्मान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस सत्र की विशेष सभा में मुख्य अतिथि श्री वीबी. कुमार, भारतीय वन सेवा (सेवानिवृत्त) अधिकारी पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) ने भी संबोधित किया। सभागार में आयोजित सत्र में दर्शकों को भारत की जनजातीय संस्कृतियों के दायरे में ले जाने वाली मनमोहक प्रस्तुतियाँ इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण थीं। छात्रों ने नागालैंड जनजाति की सांस्कृतिक कला का मंत्रमुग्ध कर देने वाला नाटक ‘द हॉर्नबिल वॉरियर’ प्रस्तुत किया, जिसमें उन परंपराओं और कहानियों का जश्न मनाया गया, जिन्होंने इस अद्वितीय समुदाय को आकार दिया है। छात्रों की नृत्य मंडली ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख लयबद्ध नृत्य का प्रदर्शन कर सांस्कृतिक जीवंतता का दृश्य प्रस्तुत कर सभी को हतप्रभ कर दिया। छात्रों ने माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर लघु नाटिका के माध्यम से प्रकाश डाला। पौधारोपण अभियान में स्कूल सोशल सर्विस क्लब के छात्र, मुख्य अतिथि श्री वीबी. कुमार आईएफएस (सेवानिवृत्त) ने स्कूल परिसर में पौधे लगाए। इस कार्यक्रम के बारे में डीपीएस इंदिरापुरम की प्रिंसिपल, सुश्री प्रिया जॉन ने कहा कि “हमारी ‘जनजातीय सशक्तिकरण’ सभा हमारे देश को आकार देने वाली समृद्ध विविधता के लिए एक श्रद्धांजलि थी। सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देकर, हम एकता और प्रगति के बीज बोते हैं। ‘आदिवासी सशक्तिकरण’ विशेष सभा ने हमारे छात्रों के बीच सांस्कृतिक विरासत और पारिस्थितिक सदभाव को महत्व देने वाले सामाजिक रूप से जागरूक नागरिक बनने के उद्देश्य को बढ़ावा दिया।”