- केन्द्र परिसर में जगह-जगह अलाव की व्यवस्था के बीच बच्चे कर रहे शिक्षा ग्रहण
- जनचेतना केन्द्र बनता जा रहा है शिक्षा का केन्द्र
- कड़कड़ाती ठंड में भी बच्चों का जोश नहीं हुआ कम
- नैतिक ज्ञान और व्यक्तिव निखार की शिक्षा में देने में जुटीं आर्मी स्कूल की पूर्व प्राचार्य
- कई तरह के खेलों में बच्चे ले रहे हैं भाग
देहरादून। अभी हाल ही में जनचेतना केन्द्र में आरंभ किया गया पठन-पाठन का कार्य बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। बीते दिन कड़कड़ाती ठंड और पहाड़ों पर चारों तरफ पड़ी बर्फ के साथ तेज हवाओं के बीच बच्चों का जोश कम नहीं हुआ। एक दिन पहले जितने बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आए उससे तीस प्रतिशत से अधिक बच्चे इस कार्यक्रम के आरंभ होने के बाद केन्द्र में पढ़ने पहुंचे। पढ़ने वाले बच्चों की संख्या अब बीस से पच्चीस तक हो गई है। रचना बहल जो पहले आर्मी स्कूल की प्राचार्य रही हैं, वो इन बच्चों को नैतिक ज्ञान, व्यक्तित्व निखार की शिक्षा दे रही हैं और राष्टÑ के लिए कैसे अच्छा व्यक्तिव निर्माण हो सकता है उस पर भी कार्य हो रहा है। श्रमिक कालोनी के इन बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के दौरान जो होमवर्क मिलता है और उसमें जो कठिनाइयां आती हैं उनका समाधान शिक्षा दे रही रहना बहल कराती हैं। बीते दिन काफी ठंड थी। ठंड के चलते केन्द्र परिसर में कई जगह अलाव की व्यवस्था की गई, बच्चों ने अलाव के पास बैठकर शिक्षा ग्रहण की। यह अदभुत नजारा था कि बच्चे अलाव के साथ अपनी शिक्षा पूरी कर रहे थे। उम्मीद जताई जा रही है कि यह कार्यक्रम जल्द तेजी पकड़ लेगा। आसपास झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे जो सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं और अलग से ट्यूशन पढ़ने का खर्च वहन नहीं कर पाते हैं, उन्हें शिक्षा देकर राष्टÑ निर्माण में अहम भूमिका निभाई जा रही है। आसपास के लोग विशेष रूप से यहां आते भी हैं और केन्द्र की इस मुहिम को बहुत सराह रहे हैं। जब बच्चे पुरजोरता से कई खेल खेलते हैं और फिर शिक्षा ग्रहण करते हैं, इसे देखकर अदभुत आनंद आता है। केन्द्र संचालक कमल सेखरी ने बताया कि जनचेतना केन्द्र परिसर में पठन-पाठन का यह कार्य आने वाले समय में बड़ा रूप भी ले लेगा, इसके लिए केन्द्र को उसके अनुरुप तैयार करने की भी योजना भी बनाई जा रही है। श्री सेखरी ने अपने मित्रों व शुभचिंतकों से आह्वान किया है कि वे केन्द्र में आकर शिक्षा ग्रहण कर रहे इन बच्चों के बीच आकर अपने अनुभव साझा करेंगे तो अदभुत आनंद की अनुभूति होगी।